देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भीलवाड़ा मॉडल की सबसे ज्यादा चर्चा है. खुद कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इसकी तारीफ की है और इसे देशभर में लागू करने के संकेत दिए हैं. दरअसल राजस्थान का भीलवाड़ा बीते दिनों कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बनकर उभरा था लेकिन गहलोत सरकार की सख्ती की वजह से 30 मार्च के बाद से वहां एक भी केस सामने नहीं आया...जबकि यहां पहले 11 दिन में 26 पॉजिटिव केस सामने आए थे...अब केवल 3 लोग ही पॉजिटिव हैं.
हेडर- कैसे भारत का 'इटली' बना भीलवाड़ा
ब्रजेश बांगड़ मेमोरियल अस्पताल में पहला मामला सामने आया
अस्पताल के डॉक्टर विदेश से लौटे, जानकारी प्रशासन से छुपाई
पहले दिन खुद डॉक्टर और अस्पताल के छह स्टॉफ पॉजिटिव पाए गए
बाद में शहर में 11 दिनों में 27 पॉजिटिव केस सामने आए, 2 की मौत हुई
हेडर- ...और फिर भीलवाड़ बना गया एक मॉडल
जिले में आने-जाने वाले सभी 20 रास्तों पर चेक पोस्ट बनाकर सीमाएं सील
14 दिनों के कर्फ्यू के बाद 3 अप्रैल से 13 अप्रैल तक पूरे जिल में 'महाकर्फ्यू '
6 हजार टीमें बना 25 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की, 1215 लोग क्वारंटीन
डॉक्टर्स व मेडिकल स्टाफ के लिए हर 7-7 दिन का वर्कआउट प्लान बना
7 दिन पूरे होने पर इन सभी को 14-14 दिनों के क्वारंटीन में रखा गया
6,445 संदिग्धों को निगरानी में रखा, मीडिया और NGO को भी छूट नहीं