बॉलीवुड के डिस्को किंग, बप्पी लहिरी उर्फ़ बप्पी दा आज 67 साल के हो गए हैं.
आइये जानते हैं इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के 'गोल्ड मैन' के बारे में कुछ खास बातें
बप्पी का असली नाम अलोकेष लहरी है. उनके पिता अपरेश लहिरी जाने माने बंगाली सिंगर थे और मां बंसरी लहिरी भी संगीतकार थीं
बप्पी ने चार साल की उम्र में बनारस घराने के पंडित सामता प्रसाद से तबले की तालीम ली और 11 साल की उम्र में बंगाली म्यूज़िक कंपोज किया
बप्पी ने 80 के दशक के सुपरस्टार जितेंद्र की 12 सिल्वर जुबली फिल्मों में सुपरहिट गाने कम्पोज़ किए.
1986 में तो बप्पी ने इतिहास ही रच दिया। बप्प्पी के खाते में साल 1986 में 33 फिल्मों के लिए 180 गानों को कोम्पलोज़ करना का रिकॉर्ड है.
बप्पी दा के गानों का जलवा सिर्फ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि हॉलीवुड में भी चला. साल 2008 में आई हॉलीवुड फिल्म 'You Don't Mess with the Zohan' में उनका सुपरहिट गाना 'जिम्मी जिम्मी आजा आजा' चला
बॉलीवुड के गोल्ड मैन कहे जाने वाले बप्पी लहरी हर समय गोल्ड ज्वेलरी में लद्दे हुए दीखते हैं. बप्पी का मानना है कि गोल्ड उनके लिए लकी है.
1975 में आई फिल्म 'ज़ख्मी' से लेकर 2011 में आई विद्या की फिल्म 'डर्टी पिक्चर' तक, बप्पी के दमदार म्यूज़िक का जलवा बरकरार रहा.
बप्पी के गाने 'जूबी-जूबी', 'याद आ रहा है तेरा प्यार', 'बंबई से आया मेरा दोस्त, 'आई एम ए डिस्को डांसर', 'यार बिना चैन कहां रे','तम्मा तम्मा लोगे', आज भी आपको पार्टीज में बजता दिख जाएगा।
बेहतरीन म्यूज़िक कम्पोज़र को हार्दिक शुभकनायें