राम लला की मूर्ति को शिला पत्थर से तैयार किया गया है, जिसको कृष्ण शिला के नाम से जाना जाता है
मूर्ति बनाने के लिए तुंगभद्रा नदी से शिला ली गई है, जिसे मूर्ति का रूप मैसूर के आर्टिस्ट योगीराज ने दिया है.
इसके अलावा वाल्मीकि रामायण में भगवान राम को श्यामवर्णी, कोमल और आकर्षक बताया गया है. इसलिए भी रामलला की मूर्ति का रंग श्यामल रखा है
मान्यता के मुताबिक, जन्म भूमि में बाल स्वरूप की उपासना होती है. इसी वजह से भगवान श्री राम की मूर्ति बाल रूप में बनाई गई है
काले पत्थर से बने इस मूर्ति सालों-साल तक चलेगी. दूध, पानी या चंदन से अभिषेक करने से ये पत्थर खराब नहीं होगा
रामलला की इस मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार मत्स्य, कुर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार के दर्शन भी मिलेंगे