बाल कांड भगवान श्रीराम और उनके भाइयों के सुखद बचपन, विश्वामित्र के पास दीक्षा और शिव का धनुष तोड़ना और सीता माता से उनके विवाह की कहानी को बताता है.
इसमें राजा दशरथ के कैकेयी को दिए वादे की वजह से राम का वनवास, राम, सीता और लक्ष्मण का वन-गमन और उनके वियोग में राजा दशरथ की मृत्यु की कहानी बताई गई है
पंचवटी में राम का आगमन, जटायु से भेंट, शूर्पनखा वृत्तान्त, खरदूषण एवं मारीच का स्वर्ण मृग बनना, रावण का सीता-हरण करना जैसी तथ्य अरण्यकांड में आते हैं.
इसमें राम और सुग्रीव की मित्रता, बाली वध, सुग्रीव का राज्याभिषेक, हनुमान से मिलना, सीता की खोज में वानर सेना को भेजे जाने का उल्लेख है.
सुंदर कांड हनुमान के लंका की साहसिक यात्रा, सीता से मुलाकात, लंका दहन और विभीषण से मुलाकात की कहानी बताता है.
समुद्र पर बांध बनाना, लंका चढ़ाई, लक्ष्मण के लिए हनुमान का संजीवनी बूटी लाना, रावण-राम युद्ध से लेकर सीता की अग्निपरीक्षा और अयोध्या लौटना बताता है.
इस कांड में सीता-निर्वासन तथा वाल्मीकि के आश्रम में उनका निवास, लव-कुश का जन्म, सीता का धरती में समाना जैसे कथाओं का वर्णन है.
कहा जाता है कि महर्षि वाल्मिकी के रामायण में सिर्फ 6 ही अध्याय थे. बाद में 7वें अध्याय उत्तरकांड को जोड़ा गया था