मकर संक्रांति पर देश के कई शहरों में पतंग उड़ाने की परंपरा है. संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा को भगवान राम से जोड़ा गया है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने की थी. भगवान ने इस पतंग पर संदेश लिख कर इंद्रदेव को दिया था.
पुराणों में उल्लेख है कि मकर संक्रांति पर पहली बार भगवान श्री राम ने पतंग उड़ाई थी और ये पतंग उड़ते हुए स्वर्गलोक में इंद्र के पास जा पहुंची.
मान्यता है कि संक्रांति पर अपनी मनोकामना अगर पतंग पर लिख कर उड़ाया जाए तो वो ईश्वर तक पहुंचती है और इच्छा पूरी होती है.
पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर एक-दूसरे को खुशी का संदेश दिया जाता है
वैज्ञानिक दृष्टि से संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से सूर्य की किरणों को अधिक ग्रहण करते हैं और शरीर में ऊर्जा आती है और विटामिन D की कमी पूरी होती है.