अलविदा मुंबई की शान

By Editorji News Desk
Published on | Oct 29, 2023

प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी

1970 से 1990 के दशक तक, प्रीमियर पद्मिनी टैक्सियाँ मुंबई शहर की धड़कन थीं.

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मुंबई की शान

मुंबई की सड़कों पर था पद्मिनी टैक्सी का राज. पुराने फिएट पसंदीदा वाहनों की जगह पद्मिनी टैक्सी ने ली. लोगों के ट्रैवल का पसंदीदा साधन बन गईं टैक्सियां.

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फिएट की शुरुआत 1964 में हुई

पद्मिनी या फिएट 1100 डिलाइट मॉडल के साथ 1964 में भारत में शुरु हुई.

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1965 में नाम बदला गया

1965 में पहली बार इसका नाम बदलकर 'प्रीमियर प्रेसिडेंट' कर दिया गया

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1974 में फिर ब्रांडेड किया गया

बाद में 1974 में इसका नाम मेवाड़ की रानी पद्मिनी के नाम पर रखा गया

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बंद हो गई मैन्यूफैक्चरिंग

ऑटो सेक्टर में कॉम्पिटिशन के कारण भारी नुकसान झेलते हुए 2000 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया.

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आखिरी पद्मिनी टैक्सी 2003 में हुई थी रजिस्टर्ड

मुंबई में कैब के लिए आयु सीमा 20 वर्ष है. अंतिम प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी 29 अक्टूबर 2003 को रजिस्टर्ड की गई थी.

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