1970 से 1990 के दशक तक, प्रीमियर पद्मिनी टैक्सियाँ मुंबई शहर की धड़कन थीं.
मुंबई की सड़कों पर था पद्मिनी टैक्सी का राज. पुराने फिएट पसंदीदा वाहनों की जगह पद्मिनी टैक्सी ने ली. लोगों के ट्रैवल का पसंदीदा साधन बन गईं टैक्सियां.
पद्मिनी या फिएट 1100 डिलाइट मॉडल के साथ 1964 में भारत में शुरु हुई.
1965 में पहली बार इसका नाम बदलकर 'प्रीमियर प्रेसिडेंट' कर दिया गया
बाद में 1974 में इसका नाम मेवाड़ की रानी पद्मिनी के नाम पर रखा गया
ऑटो सेक्टर में कॉम्पिटिशन के कारण भारी नुकसान झेलते हुए 2000 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया.
मुंबई में कैब के लिए आयु सीमा 20 वर्ष है. अंतिम प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी 29 अक्टूबर 2003 को रजिस्टर्ड की गई थी.