क्या आप जानते हैं 16 से 91 प्रतिशत महिलाएं पीरियड के तेज़ दर्द और उस से होने वाली परेशानी से जूझती हैं जिनमें से 29 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनमें ये दर्द इतना सीवियर होता है कि इसके चलते वो अपने रोज़मर्रा के काम तक नहीं कर पाती हैं.
इस कंडीशन को कहते हैं डिसमेनोरिया. ये एक गायनेकोलॉजिकल डिसीज है जिसके चलते महिलाओं को इतने पेनफुल पीरियड्स होते हैं लेकिन पहली बार एक रिसर्च में ये साबित हुआ है कि डिसमेनोरिया डेवलप करने में एयर पल्यूशन अहम भूमिका निभाता है. अगर आप खराब या प्रदूषित हवा में ज़्यादा देर तक रहते हैं तो ये आपकी समस्या को बढ़ा सकता है.
इस रिसर्च के रिजल्ट तक पहुंचने के लिए ताइवान के रिसर्चर्स ने 16 से 55 साल की लड़कियों और महिलाओं के 13 साल के हेल्थ डेटाबेस का अध्ययन किया. जिसमें पाया गया कि वो महिलाएं या लड़कियां जो ऐसी जगहों पर रहती हैं जहां एयर पॉल्यूशन का लेवल ज़्यादा है उनमें डिसमेनोरिया के चान्सेस 33 गुना ज़्यादा होते हैं.
2018 में हुई एक स्टडी में भी ये पाया गया था कि वो लडकियां जो खराब क्वालिटी की हवा में ज़्यादा वक़्त बिताती हैं उनमें मेंस्ट्रुअल इर्रेगुलरिटी से जुड़ी परेशानियां ज़्यादा देखने को मिलती हैं. साल 2017 की एक स्टडी में भी पॉल्यूशन और मेंस्ट्रुअल साईकिल के बीच कनेक्शन बताया गया था.
जर्नल फ्रंटियर इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित हालिया अध्ययन में बताया गया कि हॉर्मोनल इम्बैलेंस और कई गाइनेकोलॉजिकल कंडीशंस के कारण डिसमेनोरिया की समस्या ज़्यादा बढ़ सकती है और इसके लक्षण लंबे समय तक परेशान कर सकते हैं. जैसे पेट के निचले हिस्से में दर्द, कमर और पैरों में दर्द, बार-बार उल्टी जैसा लगना, डायरिया, थकान और कमजोरी, सिरदर्द और चक्कर आना.
इस परेशानी का कोई इलाज नहीं है लेकिन अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर के आप इसके रिस्क को कम कर सकते हैं. अगर आप सिगरेट या शराब पीते हैं तो आपके ये परेशानी होने के चान्सेस ज़्यादा हैं.