'ट्रैजडी किंग' (Tragedy King) दिलीप कुमार हिन्दी फ़िल्मों के ऐसे अजीमो शान अभिनेता हैं जिनकी अदाकारी ने बीते 7 दशकों से भारतीय सिनेमा पर अपनी गहरी छाप छोड़ रखी है. उन्हें एक्टिंग का चलता-फिरता स्कूल कहा जाता है...दिलीप साहब को भारतीय फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है....आइए नजर डालते हैं उनके यादगार सिनेमाई सफर पर... 1) दिलीप कुमार (Dilip Kumar) स्टारर 'मुग़ल-ए-आज़म' (Mughal-e-Azam) को भला कौन भुला सकता है...एक ऐसी अदाकारी जिसने पीढ़ियों को अपना दीवाना बनाया और यही कारण है कि ये कालजयी फिल्म भारतीय सिनेमा के मील के पत्थरों में से एक है. बाद में इस फिल्म का रंगीन वर्जन भी लाया गया था.
2) दिलीप कुमार और वैजयंती माला स्टारर 'नया दौर' (Naya Daur) भी एक ऐसी फिल्म है जिसने ना केवल उस दौर के संघर्ष को दिखाया बल्कि मनुष्य बनाम मशीन के गंभीर मुद्दे को बेहद खूबसूरती से पर्दे पर उतारा गया. फिल्म का संगीत भी बेहद पसंद किया गया और इसके गाने अब तक गुन गुनाए जाते हैं. दिलीप साहब की इस फिल्म को भी रंगीन कर फिर से लाया गया था.
3) फिल्म 'अंदाज़' (Andaaz) में दिलीप साहब का लव ट्रायंगल उनके फैंस को बहुत पसंद आया था...उन्होंने पर्दे पर नायक के रोमांटिक अंदाज को एक नई पहचान दी.
4) फिल्म 'देवदास' (Devdas)के लिए दिलीप साहब को आज भी याद किया जाता है जिस तरह दिलीप साहब ने देवदास के किरदार को पर्दे पर उतारा... उसके बाद बॉलीवुड ने उन्हें 'ट्रैजडी किंग का दर्जा दे दिया.
5) दिलीप कुमार स्टारर फिल्म 'मधुमती' (Madhumati) 1958 में आई थी. ये पहली हिन्दी फ़िल्म थी जिसमें एक कलाकार ने तीन-तीन रोल निभाए थे इस फिल्म को 1958 में अन्य पुरस्कारों के अलावा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था
6-) 1981 में आई दिलीप कुमार, मनोज कुमार, शशि कपूर, हेमा मालिनी, परवीन बॉबी और शत्रुघ्न सिन्हा स्टारर 'क्रांति' (Kranti) आजादी की लड़ाई को दिखाती है. फिल्म के गाने आज भी लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं और देशभक्ति की भावना को बढ़ाते हैं.
आठ बार फिल्म फेयर अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के सम्मान से नवाजा जा चुके दिलीप कुमार वाकई सबसे अलग हैं. दिलीप साहब की शख्सियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी उन्हें अपना गुरु बताते हैं. बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान उनके लिए किसी अवॉर्ड फंक्शन में कालीन बिछाने में फक्र महसूस करते हैं....