केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव तो किए लेकिन इसके साथ ही PF, NPS जैसी योजनाओं में निवेश की सीमा भी तय कर दी. मतलब, अब आपका प्रोविडेंट फंड (PF) भी टैक्स के दायरे में आ सकता है. हालांकि इसका असर कम सैलरी वालों पर नहीं पड़ेगा लेकिन हाई सैलरी वालों के लिए परेशानी हो सकती है. बजट प्रस्ताव के मुताबिक, टैक्स बेनिफिट देने वाली तीन निवेश स्कीमें EPF, नैशनल पेंशन स्कीम (NPS) और रिटायरमेंट फंड अब टैक्स के दायरे में आ सकते हैं, क्योंकि इसमें निवेश की अधिकतम सीमा 7.5 लाख रुपये तय कर दी गई है. 1 अप्रैल, 2021 से ये प्रस्ताव लागू हो जाएगा, यानि EPF, NPS रिटायरमेंट फंड में 7.5 लाख रुपये से ज्यादा राशि जमा होने पर टैक्स कटेगा. इसके पहले PF और NPS पूरी तरह से टैक्स फ्री था.