बजट को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा है कि सपने दिखाने और सपने बेचने के मामले में ये सरकार माहिर है. सपनों की दुनिया रचना और सोशल मीडिया पर टोलियों के माध्यम से उन सपनों की हवाई मार्केटिंग करना उनका काम है. सामना में शिवसेना ने लिखा, 'आर्थिक क्षेत्र और विकास दर ऊपर बढ़ने की बजाय शून्य की ओर और शून्य से ‘माइनस’ की ओर जा रही है. आर्थिक मोर्चे पर इस तरह की तस्वीर के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने बजट भाषण में लाखों-करोड़ों के आंकड़ों को पेश किया. इसे ‘स्वप्निल’ नहीं तो और क्या कहें ?