सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पटाखों (firecrackers) के इस्तेमाल पर एक बार फिर तल्ख टिप्पणी की है. देश के सबसे बड़े कोर्ट ने कहा कि वो जश्न मनाने के खिलाफ नहीं है बशर्ते ये दूसरों की जिंदगी की कीमत पर न हों. कोर्ट ने पटाखों के प्रतिबंध के बावजूद इसके इस्तेमाल पर चिंता जताई है.
कोर्ट ने कहा कि सख्ती से नियमों को लागू नहीं कर पाने के चलते ही इसका पालन सही से नहीं होता है. जस्टिस एमआर शाह (MR Shah) और जस्टिस एएस बोपन्ना (AS Bopanna) की बेंच ने कहा कि सांस की बीमारी से जुड़े लोगों को इससे काफी परेशानी होती है. कोर्ट की सख्ती का अंदाजा इसी से लगता है कि उसने कहा कि हम निर्माताओं को पटाखे गोदामों में भी रखने की अनुमति नहीं देंगे. साथ ही कोर्ट ने ये सवाल भी किया कि ऐसे जोरदार पटाखों की जरूरत क्यों है?
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