केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसान पिछले 80 से ज्यादा दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन वहां दिन पर दिन भीड़ कम होती जा रही है. जब किसान नेताओं से पूछा गया कि क्या प्रदर्शन कमजोर पड़ रहा है तो उन्होंने बताया कि ये लड़ाई लंबी चलने वाली है और बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम करना, उनकी नई रणनीति का हिस्सा है. ये रणनीति आंदोलन को विस्तार देने के लिए बनाई गई है. किसान नेताओं ने दावा किया है कि बुलाने पर किसान कुछ ही समय में बॉर्डर पर पहुंचने के लिए हमेशा तैयार हैं. किसान नेता राकेश टिकैत देशभर में महापंचायतों का आयोजन करने की योजना बना चुके हैं. अगले 10 दिनों में वह हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान में कई सभाओं को संबोधित कर सकते हैं.