विकास की 'गिरफ्तारी' पर सवाल, बुधवार रात DM-SSP के मंदिर जाने की खबर

Updated : Jul 09, 2020 15:43
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Editorji News Desk

कानपुर में पुलिसवालों की कत्ल के गुनाहगार विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई या फिर उसने सरेंडर किया, ये सवाल हर ओर है. अब सरेंडर की बातों को इस खबर से और बल मिल रहा है कि, बुधवार रात साढ़े दस बजे के करीब उज्जैन के डीएम आशीष सिंह और एसएसपी मनोज कुमार अचानक उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंचे थे, वही जगह जहां से आज उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ने का दावा किया है. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या डीएम-एसएसपी के रात में अचानक वहां जाने और फिर सुबह सुबह विकास दुबे के वहां आने का कोई संबंध तो नहीं? हालांकि एमपी के सीएम और होम मिनिस्टर ने दुबे को गिरफ्तार करने का दावा करते हुए अपनी पुलिस की पीठ ठोकी है. गिरफ्तारी के दावों पर शक इसलिए होता है कि जब फूल वाले ने उसे पहचाना, उससे उसकी बकझक हुई फिर गार्ड ने उसे पहचाना, इस पूरे वक्त वो मंदिर में ही रहा और भागा नहीं, उलटा पुलिसवालों के आने का इंतजार करता रहा. इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि जिस विकास दुबे को पूरे उत्तर प्रदेश की पुलिस और एसटीएफ एक हफ्ते तक नहीं पकड़ सकी, उसे मंदिर के एक गार्ड ने कैसे पकड़ लिया. जानकारों के मुताबिक, विकास दुबे ने प्लान बनाकर सरेंडर किया, ताकि उत्तर प्रदेश पुलिस उसका एनकाउंटर न कर सके. 

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