कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram ) ने इतवार को पेगासस जासूसी मामले में भारतीय अखबारों को डरपोक करार देते हुए कहा कि हमारी आखिरी उम्मीद अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है. चिदंबरम ने ट्वीट किया कि उन डरपोक अखबारों को दुनिया नहीं पढ़ती जिन्होंने कुछ दिनों बाद ही पेगासस जासूसी (Pegasus Spyware) से जुड़ी ख़बरों को अपने पन्नों से हटा दिया. अब हमारी आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से है.
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एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने ब्रिटिश पत्रिका 'द इकोनॉमिस्ट' में छपी एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि 'द इकोनॉमिस्ट' पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन दस देशों में शामिल है जिनके पास कुल मिलाकर 50,000 टेलीफोन नंबरों की संभावित सूची है, जिनमें से सैकड़ों नंबरों में घुसपैठ की गई. NSO ग्रुप ने भी स्वीकार किया है कि क्लाइंट के रूप में उसके पास 40 देश और 60 एजेंसियां हैं. मालूम हो कि विपक्ष पेगासस जासूसी मामले में केंद्र पर पूरी तरह हमलावर है.