देश में कोयले की कमी को लेकर कई राज्य सरकारें खुलकर अपनी बात सामने रख रही हैं तो इस बीच कोयले की उलब्धता को लेकर केंद्र सरकार भी जैसे यू-टर्न कर रही है. सरकार अब कह रही है कि राज्यों से कहा गया कि कोयले का स्टॉक बढ़ा लें लेकिन तब हमारी सुनी नहीं गई. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इस साल जून में सरकार ने राज्यों से कहा था कि कोयले का स्टॉक बढ़ा लें, तो कुछ राज्यों ने कहा - 'कृपया एक उपकार करें, अब कोयला न भेजें'.
जोशी ने कहा कि बारिश की वजह से कोयले में कमी आई और इस कमी के बाद कोयले की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हो गया और ये 60 रुपये प्रति टन से 190 रुपये हो गई, नतीजतन आयाातित कोयला प्लांट्स या तो 15-20 दिन के लिए बंद हो गए या फिर बहुत ही कम उत्पादन कर रहे हैं. जिससे घरेलू कोयले पर दबाव बढ़ा है. जोशी ने कहा कि सोमवार को हमने 1.94 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. बता दें कि दिल्ली, राजस्थान और पंजाब समेत कई राज्यों ने कोयले की कमी को लेकर केंद्र से कोयला सप्लाई करने की गुहार लगाई थी