लहसुन भारतीय रसोईं में पाई जाने वाली ऐसी चीज है जिसे हम जड़ी बूटी से कम नहीं आंक सकते हैं बशर्ते पहले आप लहसुन के गुणों के बारे में अच्छी तरह से जान लें.
लहसुन से आने वाली बदबू सबसे बड़ा कारण है कि लोग इसे खाना से अक्सर झिझकते हैं और इसे अपने डायट से दूर रखते हैं. इसकी स्मेल पूरे मुंह में इस कदर फैल जाती है कि इससे छुटकारा पाने के लिए एक से दो बार ब्रश करने और माउथवॉश करने की जरूरत पड़ जाती है.
भले ही लहसून की कलियों से स्मेल आती हैं लेकिन इसके साथ ही इन छोटी छोटी कलियों में कई फायदे छुपे हुए हैं जो लंबे समय तक आपको हेल्दी रहने में मदद कर सकती हैं. तो बस अब आप इसकी स्मेल को भूल जाइए और इससे मिलने वाले फायदों पर फोकस कीजिए.
लहसुन को मैग्नीशियम, सेलेनियम, कैल्शियम, विटामिन सी और विटामिन बी-6 का अच्छा स्रोत माना जाता है. इन सभी जरूरी विटामिन और खनिजों की मौजूदगी ही इसे आपकी हेल्थ (KE LIYE) फायदेमंद (BANATA) है.
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एंटीबैक्टीरियल गुण
विटामिन और मिनरल्स के अलावा लहसून में सल्फर का एक एक कम्पाउंड एलिसिन होता है जो स्वाद और स्मेल को तेज बनाता है लेकिन इसके साथ ही इसे एक बढ़िया एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल एजेंट भी बनाता है.
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
क्लीवलैंड क्लीनिक की एक आर्टिकल के अनुसार, लहसून के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो सूजन कम करने में फायदेमंद है. इसके लिए बस आप लहसून के तेल को अपने जोड़ों और सूजन वाली जगह पर रगड़ कर हल्की हल्की मालिश करें.
दिल के लिए फायदेमंद
लहसुन नियमित खाने से ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रोल को कम करने और दिल से जुड़ी बीमारियों को रोकने में ये बेहद फायदेमंद है. दरअसल ये धमनियों के सख्त होने की गति को धीमा करके दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करता है.
पिंपल्स से छुटकारा
जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना है! क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, कच्चे लहसुन को मुंहासों पर रगड़ने से उनसे छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है. हालांकि, हमारी सलाह है कि इस उपाय को आजमाने से पहले आप स्किन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.
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इन सभी शानदार फायदों के बारे में जानकर आफ यकीनन एक-दो कलियां नहीं पूरा लहसून खाना चाहेंगे. लेकिन सावधान रहिए ऐसा बिल्कुल भी ना करिये क्योंकि वो कहते हैं ना कि अति हर चीज की बुरी होती है. अमेरिकन फैमिली फिजिशियन जर्नल की स्टडी के मुताबिक, बहुत अधिक लहसून खाने से पेट फूलने और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियां हो सकती हैं. इसीलिए ये सलाह दी जाती है कि आप हर दिन 1 से 2 लहसून की कलियां या फिर 7.2 ग्राम लहसून के अर्क से ज्यादा इसे ना लें.