देश में 11 अक्टूबर की तारीख एक ऐसे महानायक के जन्मदिन के तौर पर याद की जाती है जिसे दुनिया संपूर्ण क्रांति का जनक मानती है. जी हां हम बात कर रहे हैं लोकनायक जयप्रकाश नारायण की...उस जेपी की जिसने इंदिरा जैसी कद्दावर नेता को सत्ता से बेदखल कर दिया. आजादी के बाद लोग उनमें ही महात्मा गांधी का अक्स देखने लगे थे...सही भी है क्योंकि वे आजादी के बाद देश को दिशा देने वाले सबसे बड़े नामों में से एक थे...आज भी उनके नाम की सौगंध लेकर देश में कई लोग अपनी सियासी पारी खेल रहे हैं...आइए जानते हैं लोकनायक के जीवन के कुछ दिलचस्प पहलुओं को
'संपूर्ण क्रांति' के जनक जेपी को जानिए
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 में सिताबदियारा में हुआ
जलियांवाला बाग़ नरसंहार के विरोध में अंग्रेजी स्कूल को छोड़ा, बिहार विद्यापीठ से पढ़ाई की
अमेरिका में 8 साल पढ़ने के बाद वतन लौटे और आजादी की लड़ाई में कूद पड़े
1939 में पहली बार टाटा स्टील कंपनी में हड़ताल कराई ताकि अंग्रेजों को इस्पात न मिले
आजादी के बाद राजनीति से अलग हुए, 70 के दशक में फिर से सक्रिय राजनीति में लौटे
'चंबल घाटी शांति मिशन’ की स्थापना की, 400 डकैतों का अकेले ही कराया सरेंडर
साल 1974 में जनेऊ तोड़ो आंदोलन चलाया, एक ही दिन में 10 हजार लोगों ने जनेऊ छोड़ा
पांच जून, 1974 को जेपी ने पटना में संपूर्ण क्रांति का नारा दिया, देशभर में आंदोलन चलाया
इंदिरा गांधी को न सिर्फ सत्ता छोड़नी पड़ी बल्कि देश में पहली बार आपातकाल भी लगा
जेपी शुरू में मार्क्सवाद से प्रभावित थे बाद में गांधी के संपर्क में आने के बाद गांधीवादी बनें