केरल सरकार ने 1994 में जासूसी के आरोप में गलत तरीके से फंसाए गए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एन. नारायणन को सैद्धांतिक रूप से मुआवजे देने की घोषणा की है. केरल सरकार ने उन्हें 1.3 करोड़ रुपये के मुआवजे मंजूरी दे दी है. 77 साल के नारायणन ने यहां की एक उप अदालत ने एक मामला दायर किया था. जिसमें उन्होंने अपनी अवैध गिरफ्तारी और परेशान किए जाने के लिए मुआवजा बढ़ाने की अपील की थी. बता दें कि जिस समय नारायणन पर आरोप लगाया गया वह इसरो में क्रायोजेनिक परियोजना के निदेशक थे. और उन्हें दस्ताजेवों के लीक किए जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस आरोप के तहत नारायणन को 50 दिनों तक हिरासत में भी रखा गया था और उनपर कई तरह की यातनाएं की गई थीं. हालांकि बाद में उनपर लगाए गए आरोप झूठे साबित हुए. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने पूर्व वैज्ञानिक को 50 लाख रुपए दिए थे.