नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश करनेवाला केरल पहला राज्य बन गया है. सीएम पिनाराई विजयन ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में सीएए को वापस लेने की मांग करते हुए ये प्रस्ताव पेश किया, जिसका कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने समर्थन किया. बीजेपी विधायक ओ राजगोपाल एकमात्र व्यक्ति रहे जिन्होंने इस प्रस्ताव का विरोध किया. पिनाराई ने ये भी स्पष्ट किया कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है. उन्होंने कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास रहा है, हमारी परंपरा समावेशिता की है और हमारी विधानसभा को इस परंपरा को जीवित रखने की जरूरत है. पंजाब, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों ने कहा है कि वो सीएए और एनआरसी लागू नहीं करेंगे.