इंटरनेशनल टाइगर डे को ग्लोबल टाइगर डे के तौर पर भी जाना जाता है. 36 जंगली बिल्लियों की प्रजाति में सबसे बड़ा है बाघ. ये जितना दिखता है, उससे कहीं अधिक खतरनाक है. बहुत से लोग इस घर में पालने के लिए सोचते हैं पर क्या आप वाकई कुत्ते-बिल्ली और दूसरे पालतू जानवरों की तरह इसे पाल सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर आज चलिये आपको बताते हैं.
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भारत में बाघों और शेरों को कानूनी अनुमति के बिना नहीं पाला जा सकता है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इन जानवरों को व्यक्तिगत रूप से पालने की अनुमति नहीं है. अगर आप शेर या बाघ पालना चाहते हैं तो राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन से इसकी अनुमति लेनी होगी. आपको इस जानवर की हर जरूरत को पूरा करना होगा. इसके साथ ही सुरक्षा के पूरे इंतजाम करने होंगे. अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए जिम्मेदार आफ खुद होंगे. अगर बाघ किसी तरह दीवार तोड़कर भाग जाता है और किसी को मार डालता है, तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.
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आपको बता दें कि बाघ दुनियाभर के सिर्फ 13 देशों में पाये जाते हैं, दुनिया की कुल बाघों की आबादी का 70 फीसदी भारत में है. बाघों की सुरक्षा और उनके संरक्षण को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें हर साल अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई. सम्मेलन में कई देशों ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
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