केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में बताया कि लॉकडाउन लागू करने की वजह से सैंतीस हजार से लेकर अठहत्तर हजार लोगों की जानें बचाई जा सकीं. इसके अलावा, चार महीने तक चले लॉकडाउन ने 14 से 29 लाख तक कोरोना मामलों को रोका है.
डॉ. हर्षवर्धन ने संसद में कहा कि इन चार महीनों का इस्तेमाल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण, मानव संसाधन को बढ़ाने, पीपीई किट्स, एन -95 मास्क और वेंटिलेटर जैसी जरूरी चीजों को बनाने के लिए किया गया. मार्च 2020 के मुकाबले, अब आइसोलेशन बेड्स में 36.3 गुना और आईसीयू बेड्स में 24.6 गुना की बढ़ोतरी हुई है. जबकि इससे पहले तक देश में कोई भी पीपीई किट्स नहीं बनाई जाती थीं, लेकिन अब ना सिर्फ बना रहे हैं, बल्कि दूसरे देशों को एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 12 सितंबर 2020 तक, कुल 15 हजार 284 कोविड-19 ट्रीटमेंट सेंटर बनाए जा चुके हैं, जिसमें 2 लाख 31 हजार 93 ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड्स हैं, 62 हजार 717 आईसीयू बेड्स बनाए गए हैं.