राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (gotabaya rajapaksa) के देश छोड़ने के बाद से श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ( protesters) का आक्रोश और बढ़ गया है. भीड़ इतनी उग्र है कि राष्ट्रपति भवन (president house) के बाद उसने पीएम आवास, संसद भवन पर कब्जा कर लिया है. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के सरकारी न्यूज़ चैनल श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन (SLRC) पर भी कब्जा कर लिया. प्रदर्शनकारी सरकारी टीवी के ऑफिस में भी दाखिल हुए और ऑन एयर प्रोग्राम के बीच में अपनी बात रखने लगे. आनन-फानन में प्रोग्राम को ऑफ एयर करके टीवी के ट्रांसमिशन को रोक दिया गया जो अभी तक बंद है. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि चैनल पर सिर्फ और सिर्फ प्रदर्शन की ख़बरें ही दिखाई जाएं और कुछ नहीं.
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एक प्रदर्शनकारी ने लाइव ब्रॉडकास्ट ( live broadcast) के दौरान कहा, "जब तक लड़ाई खत्म नहीं होती तब तक श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन जन अराग्लय की ही खबरें दिखाएगा."
श्रीलंका के लोगों ने पीएम मोदी ने दखल देनी की अपील
श्रीलंका के लोगों का साथ उनके नेता ही छोड़ रहे हैं. ऐसे में अब प्रदर्शनकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi) से मामले में दखल देने की मांग की है. उन्हें उम्मीद है कि भारत उनकी फिर से मदद करके उन्हें मुश्किल हालात से निकालेगा. गौरतलब है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के श्रीलंका से भागने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है लेकिन हालात बेकाबू हैं. इसीलिए विक्रमसिंघे ने श्रीलंका में आपातकाल का ऐलान करने हुए पुलिस और सेना को प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए फ्री हैंड दे दिया है.
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