पाकिस्तान में भयानक आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) की छाया रमजान (Ramadan) और ईद के त्यौहार पर भी नजर आ रही है. स्थिति ऐसी है कि महंगाई छह दशकों में सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गयी है. स्थानीय लोगों के मुताबिक रमजान का महीना रोजा, प्रार्थना और जश्न का समय होता है, लेकिन पाकिस्तान में महंगाई इतनी ज्यादा है कि गरीब आदमी लाइन में लगकर भगदड़ में मरने के लिए मजबूर है. देश में चिकन की कीमत 350 रुपए प्रति किलो और चावल 335 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है. मटन देखते ही देखते 1800 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई वहीं संतरे 400 रुपए तो केले 300 रुपए दर्जन बिक रहे हैं.
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देश में इस संकट की वजह से लाखों परिवार ऐसे हैं जो ईद का जश्न चुपचाप मनाने को मजबूर हैं. आजादी के बाद से मुल्क सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. स्थिति ऐसी है कि महंगाई छह दशकों में सर्वोच्च स्तर पर है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं और साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार भी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. इन स्थितियों का साफ असर रमजान और ईद के त्यौहार पर देखा जा सकता है