साल 2018... अप्रैल महीने का आखिरी हफ्ता... 1950-53 में कोरियाई जंग (Korean War) के 65 साल बाद पहली बार किसी नॉर्थ कोरियाई लीडर ने साउथ कोरिया की सरजमीं पर कदम रखा... ये नॉर्थ कोरियाई नेता कोई और नहीं बल्कि किम जोंग उन (Kim Jong-un) थे... जिनके बारे में खबरें थीं कि कभी उन्होंने चाचा का भूखे कुत्तों के आगे डलवा दिया... और कभी झपकी आने पर मंत्रियों को तोप से उड़वा दिया...
दुनिया ने जब पहली बार वीडियो में उसे Live देखा तो यह उन रोंगटे खड़े कर देने वाली खबरों के किरदार से बहुत जुदा था, जिसके बारे में वो आज तक सुनते और पढ़ते आए थे... 2018 के अप्रैल महीने में ही किम जोंग उन की मुलाकात साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से नॉर्थ-साउथ बॉर्डर पर डीमिलिटराइज्ड जोन (Demilitarized Zone) में हुई थी... इससे पहले, 2012 में 18 जुलाई ही वह तारीख थी जब किम जोंग उन को आधिकारिक तौर पर देश का सर्वोच्च नागरिक घोषित किया गया था.... आज के झरोखा में हम जानेंगे किम जोंग की जिंदगी के बारे में... और साथ ही नॉर्थ कोरिया (Life in North Korea) के बारे में जिसे दुनिया एक बोझिल, बदनाम, और बंदिशों से भरा देश मानती है...
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नॉर्थ कोरिया की बातें दुनिया को काफी हैरान करती रही हैं... हालांकि, देश के बारे में कम ही जानकारी मिल पाती हैं... हम नॉर्थ कोरिया के बारे में जो भी जानते हैं, वह साउथ कोरिया से बहुत अलग है. देश की कुछ ही तस्वीरें और इससे संबंधित आर्टिकल ऑनलाइन मिलते हैं, और इन्हें लेकर दुनियाभर में उत्सुकता का माहौल रहता है. लेकिन नॉर्थ कोरिया और किम जोंग उन का सच क्या है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, किम जोंग उन एक ब्रिलिएंट स्टूडेंट नहीं थे और पढ़ाई में भी पीछे थे... उन्होंने कभी कोई एग्जाम पास नहीं किया... उनकी दीवानगी बास्केटबॉल और कंप्यूटर गेम को लेकर ज्यादा थी... किम की पढ़ाई में हालत तब और भी खराब हो गई और उनके पिता ने उन्हें इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बर्न से बाहर निकाला और उनका दाखिला एक सरकारी स्कूल में कराया जहां उन्हें निचले ग्रेड पर रखा गया...
कई लोग प्लास्टिक सर्जरी चेहरे के कुछ फीचर्स को बेहतर बनाने के लिए करते हैं लेकिन किम जोंग उन ने 27 साल की उम्र में प्लास्टिक सर्जरी इसलिए करवाई थी, ताकि वह अपने दादा जैसा दिख सकें.
किम जोंग उन के पिता जब गुजरे, तब उन्होंने कोशिश की कि देश का हर नागरिक रोए... जिन्हें रोना नहीं आया उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी गई... लेकिन जिनकी शिकायत हुई उन्हें 6 महीने के लिए लेबर कैंप में भेज दिया गया...
किम जोंग उन 4 स्टार वाले जनरल हैं जबकि उनका बैकग्राउंड मिलिट्री है ही नहीं...
किम जोंग उन ने बचपन का प्यार Ri-Sol-Ju से शादी की जो पूर्व चियरलीडर और सिंगर हैं. नॉर्थ कोरिया में पॉप संगीत है, लेकिन यह वैसा नहीं है जैसा हमने देखा है. म्यूजिक वीडियो में सिंगर को दिखाना होता है कि उत्तर कोरियाई लोग कितने अच्छे रहते हैं...
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स्कूली दिनों से ही किम जोंग जैकी चैन के जबर्दस्त फैन रहे हैं.
the onion newspaper ने किम जोंग उन को 29 साल की उम्र में साल 2012 में सेक्सिएस्ट मैन अलाइव घोषित किया...
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने 12 दिसंबर को अपने चाचा जैंग सोंग थाएक को बेहद क्रूर तरीके से मरवाया था. मीडिया का एक हिस्सा इसे देश के इतिहास की सबसे क्रूर हत्याओं में से एक बता रहा है. हॉन्ग कॉन्ग स्थित चीनी भाषा के अखबार 'वेन वेई पो' ने थाएक की हत्या के ब्यौरे छापे. अखबार के मुताबिक, उन्हें नंगा करके उस पिंजरे में डाल दिया गया था जिसमें तीन दिन से भूखे 120 शिकारी कुत्तों को रखा गया था.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोग-उन ने अपने शिक्षा मंत्री किम योंग-जिन और पूर्व कृषि मंत्री ह्वांग मिन को बेहद दर्दनाक सजा दी है. किम ने शिक्षा मंत्री को बैठक के दौरान झपकी लेने पर और पूर्व कृषि मंत्री को चुनौतीपूर्ण नीतिगत प्रस्ताव पेश करने के लिए मौत की सजा दी. किम ने दोनों को तोप से उड़वा दिया.
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3 अक्टूबर 1948 को नॉर्थ कोरिया का गठन हुआ था. नॉर्थ कोरिया का आधिकारिक नाम DPRK डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (Democratic People's Republic of Korea) है.
नॉर्थ कोरिया के बारे में सबसे रोचक तथ्य ये है कि यहां के लोगों को लगता है कि कोरिया नाम का यही एकमात्र देश है. उन्होंने तस्वीर से साउथ कोरिया को हटाया हुआ है. लेकिन दुनिया के नक्शे पर दोनों ही देशों के मानचित्र मौजूद हैं, नॉर्थ कोरिया के स्कूलों में साउथ कोरिया को मानचित्र में मिलाकर दिखाया जाता है.
भले ही दुनिया 21वीं सदी में जी रही है, लेकिन उत्तर कोरिया के लिए लोगों के लिए ये अभी भी 106वें जुचे वर्ष (Juche calendar) है. उत्तर कोरिया का जुचे कैलेंडर 15 अप्रैल 1912 से शुरू होता है, जो इसके संस्थापक किम इल-सुंग के जन्म की तारीख है
उत्तर कोरिया में तीनी पीढ़ी को सजा देने का नियम देश की एक भयावक वास्तविकता को दिखाता है. देश में यदि एक व्यक्ति अपराध करता है, तो उसके दादा-दादी, माता-पिता और बच्चों सहित उसकी पूरी ब्लडलाइन को जेल भेज दिया जाता है.
विदेशी संगीत सुनना या विदेश भाषा में फिल्म देखना नॉर्थ कोरिया में भयानक जुर्म है. नॉर्थ कोरिया में अमेरिकी फिल्म देखने वाले को फांसी दी जा सकती है, जबकि भारतीय फिल्में देखने पर कारावास हो सकता है. पोर्नोग्राफी बांटने से मौत की सजा भी हो सकती है.
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नॉर्थ कोरिया में 80 फीसदी जमीन ऐसी है जो समतल नहीं है. इसमें कई क्षेत्र पहाड़ी हैं. जब यहां भारी बारिश या सूखा आता है, भोजन की कमी गहरा जाती है. 1990 के दशक में, अकाल की वजह से 25 लाख लोग मारे गए थे... अनुपात के हिसाब से देखें, तो हर 10 में से 1 नॉर्थ कोरियाई नागरिक ने तब अपनी जान गंवाई थी.
DMZ या डीमिलिट्राइज्ड जोन 148 मील लंबा क्षेत्र है. यह दुनिया में सबसे अधिक सुरक्षा बंदोबस्त वाला मिलिट्राइज्ड एरिया है. DMZ, नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच एक बफर जोन का काम भी करता है. यहां जॉइंट सिक्योरिटी एरिया (JSA) ऐसा इलाका है, जहां DMZ के पश्चिमी छोर वाले हिस्से में बातचीत के लिए बैठकें बुलाई जाती हैं.
साउथ कोरिया के लोगों की तरह ही, kimchi और Rice नॉर्थ कोरिया में भी खाया जाता है. ट्रेडिशनल मील में नूडल्स, BULGOGI और JUK शामिल हैं. ये देश अपने ट्रेडिशनल अल्कोहल के लिए भी जाने जाते हैं जिनका नाम soju है. अगर आप इस देश आते हैं, तो आपको यहां का कोल्ड नूडल "naengmyeon" बिल्कुल मिस नहीं करना चाहिए.
उत्तर कोरिया दुनिया की कुछ चुनिंदा जगहों में से है जहां लोगों को टैक्स के लिए कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ता है. 1974 में, टैक्सेशन को पूरी तरह खत्म कर दिया गया था. हालांकि, उत्तर कोरिया के बाहर पैसा कमाने वाले शख्स और संगठन अभी भी भुगतान करने के लिए बाध्य हैं.
सेकेंड वर्ल्ड वार की समाप्ति के बाद इन दोनों देशों का विभाजन हो गया था. सोवियत ने उत्तर पर अधिकार कर लिया, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण पर कब्जा कर लिया था. सोवियत संघ एक साम्यवादी व्यवस्था के तहत शासन कर रहा था, जबकि अमेरिका इसके खिलाफ था. इसका मतलब यह हुआ कि दोनों पक्ष बंट गए.
9 सितंबर, 1947 को देश औपचारिक रूप से दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में विभाजित हो गया. उनकी दुश्मनी की वजह से 1950 में जंग भी छिड़ी... तब उत्तर कोरिया ने साउथ कोरिया पर हमला कर दिया था. जंग 3 साल तक चली और इसके बाद DMZ अस्तित्व में आया. तकनीकी रूप से, दोनों देशों में अभी भी युद्ध के हालात बने हुए हैं. अभी तक दोनों देशों ने किसी शांति संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
नॉर्थ कोरिया 1948 से एक ही परिवार की लीडरशिप और शासन के अधीन है. उनके पहले सर्वोच्च नेता किम इल-सुंग थे. 1994 में उनके निधन तक वही पावर में थे. उनकी मृत्यु के बाद, किम जोंग-इल को सत्ता सौंपी गई थी. वह दिवंगत नेता के बेटे थे, और 17 वर्षों तक उन्होंने शासन किया. आप प्योंगयांग में मानसु हिल पर भव्य स्मारक में किम इल-सुंग और किम जोंग-इल की 20 मीटर की मूर्तियां देख सकते हैं.
2011 में, किम जोंग-इल के बेटे, किम जोंग-उन देश के नए नेता बने. वही आज तक नॉर्थ कोरिया की कमान संभाल रहे हैं...
साउथ कोरिया की सीमा के पास, किजोंग-डोंग गांव बनाया गया था. यह नॉर्थ कोरिया का अपने दक्षिणी पड़ोसियों के सामने दिखावे का एक तरीका है. यह गांव 1950 के दशक में बनाया गया था और इसमें बिजली थी जो उस समय लग्जरी मानी जाती थी.
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गांव में बड़ी-बड़ी इमारतें थीं जो हर रात तय समय से रोशनी करती थीं. इसके पास की गलियों में सैनिक और महिलाएं 15 साल से समुदाय में रह रही थीं. जब टेक्नोलॉजी का विकास हुआ, और दक्षिण के लोगों के पास गांव को करीब से देखने के साधन आने शुरू हुए, तो वे सच्चाई का पता लगाकर हैरान रह गए. गांव के घरों में दीवार, छत और यहां तक कि फर्श भी नहीं थे. ये सिर्फ किसी बक्से जैसे थे.
आम धारणा से उलट, नॉर्थ कोरिया में कम्युनिस्ट सिस्टम नहीं है. हालांकि यह माना जाता है कि यहां मार्क्सवाद-लेनिनवाद सिद्धांत का पालन किया जाता था. 1950 के दशक में कम्युनिस्ट विचारधारा को समाप्त कर दिया गया था, तब से, उत्तर कोरिया जूशे के विचार पर चल रहा है.
जुचे विचार का मतलब स्वायत्तता, आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता है. यह समाजवादी आत्मनिर्भरता को अपनाता है. समय के साथ, उत्तर कोरिया के संविधान से कम्युनिस्ट का उल्लेख मिटा दिया जाने लगा और 2009 में यह अंततः पूरी तरह से गायब हो गया...
उत्तर कोरिया में शासन का एक अलग ही अलग रूप दिखाई देता है. नेक्रोक्रेसी एक ऐसी सरकार है जो अभी भी एक पूर्व और मृत नेता के नियमों का पालन करती है. उत्तर कोरिया ऐसा कैसे कर सकता है?
ऐसा इसलिए है क्योंकि किम इल-सुंग को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) का शाश्वत नेता घोषित किया गया था. इसका सीधा सा मतलब है कि देश के सभी मौजूदा नेता केवल सर्वोच्च नेता की उपाधि धारण करेंगे, लेकिन शाश्वत नेता हमेशा और हमेशा के लिए किम इल-सुंग होंगे.
सर्वोच्च नेता वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष और सेना के सर्वोच्च कमांडर होंगे. हालांकि, वह देश के राष्ट्रपति का दर्जा नहीं रखेंगे...
ऐसे कई देश हैं जहां अनिवार्य सैन्य सेवा के नियम हैं लेकिन यह उत्तर कोरिया जितने लंबे नहीं हैं. हाल के परिवर्तनों से पहले, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों को सेना में 13 वर्ष की सेवा करनी होती था. 2003 के बाद ही यह अवधि घटाकर 10 साल कर दी गई थी।
महिलाओं को भी अनिवार्य सैन्य सेवा के दायरे में लाया गया है. 2015 में, सरकार ने आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था कि उत्तर कोरियाई महिलाओं को ग्रेजुएशन के बाद, 23 वर्ष की आयु तक सेना में प्रवेश करना होगा.
नॉर्थ कोरिया में लोगों का नाम देश के सर्वोच्च नेताओं के नाम पर नहीं रखा जा सकता. अगर किसी का नाम पहले से ही नेता के नाम पर रखा जा चुका है, तो नेता के सत्ता में आने के बाद नाम को तुरंत बदलना होगा.
टेक्नोलॉजी अडवांस हुई तो लोगों ने न सिर्फ इंटरनेट सर्फ करना शुरू किया बल्कि कई वैरायटी वाले शो भी देखने शुरू कर दिए. हालांकि नॉर्थ कोरिया में सिर्फ 3 ही चैनल हैं. इनमें से दो सिर्फ वीकेंड में ही ऑन एयर होते हैं... साउथ कोरिया के कई सोप ओपेरा की नकल की जाती है. प्योंगयांग शहर सिर्फ भरोसेमंद लोगों और एलीट क्लास के लिए है... प्योंगयांग की जिंदगी दूर दराज के क्षेत्रों से कहीं बेहतर हैं. हालांकि, देश की सड़कों पर कई रोडब्लॉक्स हैं ताकि लोगों को बगैर परमिशन यात्रा से रोका जा सके...
अगर आप नॉर्थ कोरिया जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको गाइडेड टूर के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि टूरिस्ट सिर्फ शहर में घूम सकते हैं. ऐतिहासिक रूप से, प्योंगयांग को पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित रखा गया था लेकिन हाल में कई बदलाव किए गए हैं. देश में सिर्फ 15 शहर विदेशियों और पर्यटकों के लिए खुले हैं...
देश पूरी तानाशाही के साथ चलता है, इसलिए कई नागरिकों को देशद्रोह और कई अन्य छोटे अपराधों के लिए जेल भेज दिया जाता है. लगभग 150,000 से 200,000 नागरिक बिजली की बाड़ से घिरे जेल शिविरों में रहते हैं. सबसे भयानक शिविर वे हैं जहां कैदी राजनीतिक अपराधों के लिए कैद हैं. कैदियों को बहुत कठोर परिस्थितियों में खनिक, लकड़हारे और किसानों के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है. उन्हें उपकरण या औजार भी नहीं दिए जाते हैं...
ज्यादातर देशों में स्कूली बच्चे अपनी कक्षाओं के लिए कुछ चीजें ही मुहैया कराते हैं लेकिन नॉर्थ कोरिया का मामला अलग है. स्कूली बच्चों को कुर्सियां और डेस्क भी उपलब्ध करानी होती है. बच्चे सरकार के लिए खेतों में भी काम करते हैं... इस वजह से, कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर पर रखना पसंद करते हैं. इसके लिए उन्हें शिक्षकों को रिश्वत भी देनी होती है...
15 अगस्त 2015 को नॉर्थ कोरिया ने टाइम के अपने कॉन्सेप्ट को अडॉप्ट किया. वे दुनिया के किसी भी देश से 30 मिनट आगे हैं. प्योंगयांग और बाकी नॉर्थ कोरिया GMT+08:30 पर सेट हैं. सूत्रों के अनुसार, यह वह समय था जिसे राष्ट्र जापानी उपनिवेश से पहले बीसवीं शताब्दी के दौरान इस्तेमाल कर रहा था...
अप्रैल 2018 में, किम जोंग-उन ने फैसला किया कि नॉर्थ कोरिया, साउथ कोरिया की तरह GMT +09:00 पर वापस आ जाएगा. यह परिवर्तन आधिकारिक तौर पर 4 मई 2018 को लागू किया गया था...
आपका हेयरस्टाइल आपके व्यक्तित्व और आप दुनिया को कैसे देखते हैं, इसके बारे में बहुत कुछ कह सकता है, यह बहुत लोगों के लिए एक बयान है लेकिन नॉर्थ कोरिया में, लोगों के पास इस मामले में भी सीमित विकल्प हैं... अगर यहां लोग हेयरकट कराने जाते हैं, तो उन्हें 28 अप्रूव स्टाइल में से एक ही चुनने की आजादी होती है.
नॉर्थ कोरिया में क्रिसमस कोई बड़ा इवेंट या फेस्टिवल नहीं है. हालांकि, देश में 24 दिसंबर को एक बड़ा इवेंट होता है जब किम जोंग इल की मां का बर्थडे मनाया जाता है. साथ ही, देश में वैलेंटाइंस डे पर भी कोई स्पेशल हॉलिडे नहीं होता.
पर्यटक और विदेशी, अगर स्थानीय लोगों से बात करते हैं, तो उन्हें परेशानी हो सकती है... हालांकि इस तरह की बातचीत करने के लिए उन्हें न तो फांसी दी जाएगी और न ही जेल में डाला जाएगा, लेकिन वे निश्चित रूप से इस बारे में उत्तर कोरियाई अधिकारियों से बात करेंगे... अगर आप तस्वीरें लेने या उनसे बात करने की कोशिश करते हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि स्थानीय लोग आंख मूंद कर भाग जाएंगे... इसके अलावा, पर्यटक हर जगह सिर्फ तस्वीरें नहीं ले सकते. गाइड इसकी अनुमति नहीं देंगे.
पैसे कमाने के लिए रूस या चीन जाने वाले कुछ नॉर्थ कोरियाई लोगों के अलावा, अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर की जाने वाले यात्राओं पर सख्त पहरा रहता है... नागरिक छुट्टियों के लिए दुनिया में कहीं भी नहीं घूम सकते हैं क्योंकि इसकी इजाजत नहीं है.
देश के अंदर यात्रा प्रतिबंध भी लागू हैं. अगर स्थानीय लोग अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों से दूसरे गांव में मिलना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी...
अगर आपका जन्मदिन 17 दिसंबर या 8 जुलाई को पड़ता है, तो आप फेस्टिवल या जश्न की उम्मीद नहीं कर सकते... देश में इन तारीखों पर किसी भी तरह का उत्सव नहीं मनाना एक रस्म है क्योंकि ये दो दिन किम जोंग-इल और किम इल-सुंग की पुण्यतिथि हैं...
चलते चलते आज की दूसरी घटनाओं पर एक नजर डाल लेते हैं
1290: इंग्लैंड के किंग एडवर्ड ने यहूदियों के निष्कासन का आदेश दिया
1918: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) का जन्म
1980: पूरी तरह भारत में निर्मित उपग्रह 'रोहिणी-1' पृथ्वी की कक्षा में स्थापित
2012: भारत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) का निधन