अमेरिका,चीन, यूरोप समेत दुनियाभर में कोरोना का नया वेरिएंट डेल्टाक्रॉन तबाही मचा रहा है. दुनिया के सबसे तगड़े हेल्थ सिस्टम का दावा करने वाले अमेरिका में रोजाना औसतन 28,600 कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं. Centers for Disease Control and Prevention की मानें तो अमेरिका में 33 प्रतिशत केस ओमिक्रॉन स्टील्थ वैरिएंट की वजह से बढ़े हैं.
ये भी देखें । Covid: कोरोना के कारण International Flights पर लगा बैन हटा, 63 देशों के लिए फ्लाइट सर्विस शुरू
हालात की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चीन में एक मार्च से अब तक कोरोना के 56,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. रॉयटर्स के मुताबिक सोमवार को चीन के प्रमुख शहर शंघाई में 4400 से ज्यादा केस सामने आए. चीन का शंघाई इस समय इस वेरिएंट का हॉटस्पॉट बना हुआ है, इसी कड़ी में प्रशासन ने सोमवार से शंघाई में लॉकडाउन का एलान किया है जो पिछले दो साल में देश का सबसे बड़ा लॉकडाउन है. रिपोर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अगले नौ दिनों तक शंघाई को दो भागों में बांटा जाएगा और लोगों को चिह्नित कर बड़े स्तर पर कोरोना टेस्टिंग की जाएगी. लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो इसके लिए जगह-जगह चेकप्वाइंट बनाए गए हैं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी बंद कर दिया गया है. इस दौरान सिर्फ एसेंशियल सर्विस वाले ऑफिस ही खुले रहेंगे.
ये भी देखें । Russia Ukraine War: जेलेंस्की ने दिए युद्ध खत्म करने के संकेत, रूस का फोकस डोनबास पर
बात अगर फ्रांस की करें तो यहां के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों का आंकड़ा तेजी से बड़ा है. बीते रविवार को अस्पतालों में भर्ती हुए लोगों का आंकड़ा एक फरवरी के बाद सबसे ज्यादा था. इटली में एक दिन में कोरोना के तकरीबन डेढ़ लाख नए केस सामने आने से हड़कंप मच गया. ब्रिटेन में मचे हाहाकार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते दो हफ्ते में ब्रिटेन में 12 लाख से ज्यादा कोरोना के नए संक्रमित मिले हैं.
इजरायल के पीएम नफ्ताली बेनेट के कोरोना संक्रमित पाए जाने के चलते उनका तीन अप्रैल को प्रस्तावित भारत दौरा टल गया है. इजरायल के पीएम ऑफिस ने बताया कि पीएम नफ्ताली बेनेट घर पर आइसोलेट हैं और वो वहीं से काम करना जारी रखेंगे.
ये भी देखें । Maryam Nawaz हैं पाकिस्तान की सबसे 'पावरफुल' महिला, जिसने Imran Khan की नींद उड़ा दी है
एक तरफ जहां दुनियाभर में कोरोना की चौथी लहर से हाहाकार मचा है वहीं भारत में कोविड के ग्राफ में गिरावट देखी जा रही है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन का बीए-1 और बीए-2 वेरिएंट बड़ी संख्या में फैला था जिसकी वजह से लोगों में सुपर इम्युनिटी है और डेल्टाक्रॉन अपना असर नहीं दिखा पा रहा.