Constitutional crisis in Pakistan: अड़ गए जज...जानें क्या क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में

Updated : Apr 04, 2022 20:34
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Editorji News Desk

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान में इस वक्त सुप्रीम सुनवाई ( Supreme Court Hearing over No Confidence Motion in Pakistan ) जारी है. सोमवार दोपहर को खचाखच भरे कोर्टरूम में 5 जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की. विपक्ष की ओर से पीपीपी के वकील पेश हुए. इस सुनवाई में क्या क्या हुआ, आइए जानते हैं

जस्टिस उमर अता बंदियाल ( Umar Ata Bandial ) की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ में न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर, न्यायमूर्ति एजाजुल अहसान, न्यायमूर्ति मजहर आलम और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल ने पाकिस्तान के चीफ जस्टिस बंदियाल द्वारा लिए गए नोटिस पर फिर से सुनवाई शुरू की.

सुनवाई की शुरुआत में पीपीपी के वकील फारूक एच नाइक ( PPP's counsel Farooq H Naek ) ने कोर्ट से मामले की सुनवाई के लिए फुल कोर्ट बेंच (16 जजों की बेंच) बनाने का अनुरोध किया.

नाइक के अनुरोध का जवाब देते हुए सीजेपी बंदियाल ने टिप्पणी की कि अगर नाइक को हमपर भरोसा नहीं, तो इस बेंच को खत्म कर दिया जाएगा.

मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या नाइक बताना चाहेंगे कि वह कौन सा संवैधानिक सवाल है जिसके लिए फुल कोर्ट बेंच के गठन की जरूरत है.

"संवैधानिक सवालों को देखना अदालत का काम है. आप बताएं [...] आपके मामले का आधार क्या है.

शीर्ष न्यायाधीश ने टिप्पणी की, "न्यायालय की फुल कोर्ट बेंच ने एक मामले पर दो साल तक 66 सुनवाई की. फुल कोर्ट बेंच की वजह से 12 हजार मामले एकट्ठे हो गए."

शीर्ष न्यायाधीश ने आगे कहा कि एक फुल कोर्ट बेंच की वजह से बैकलॉग बन गया.

अपनी दलीलें शुरू करते हुए नाइक ने अनुच्छेद 54(3) का हवाला दिया और कहा कि प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद 14 दिनों के अंदर नेशनल असेंबली का सेशन बुलाया जाना चाहिए.

नाइक ने कहा, "अविश्वास प्रस्ताव 8 मार्च, 2022 को पेश किया गया था, जबकि विधानसभा सत्र 21 मार्च के बजाय 25 मार्च को बुलाया गया. नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने फतेहा के बाद 25 मार्च को ,सेशन 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया."

उन्होंने आगे कहा कि स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद 20 मार्च तक सेशन नहीं बुलाए जाने की कोई वजह नहीं बताई.

इस पर न्यायमूर्ति मंडोखेल ने आपत्ति जताई कि नाइक का मामला रविवार के सेशन में स्पीकर के फैसले से जुड़ा है.

"बताएं कि जज ने सही या गलत किया," न्यायाधीश ने नाइक से पूछा.

न्यायमूर्ति अख्तर ने कहा, "अगर 100 सदस्य हैं और उनमें से 50 इसके पक्ष में हैं और 25 इसके खिलाफ हैं तो क्या प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जाएगा?"

सुनवाई के दौरान सवाल-जवाब के सिलसिले के बाद, चीफ जस्टिस बंदियाल ने नाइक से पूछा कि वह क्यों डिप्टी स्पीकर के फैसले (अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने) को गलत ठहरा रहे हैं.

नाइक ने अदालत से मामले को खत्म करने और फैसले को सुरक्षित रखने का अनुरोध किया.

हालांकि, चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि अदालत को दूसरे पक्षों की दलील को भी सुनना होगा.

इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई कल (मंगलवार) दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

बता दें कि नेशनल असेंबली में सियासी उलटफेर होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. विपक्ष ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक बताया था. डिप्टी स्पीकर ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.

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Pakistan National AssemblySupreme Courtno confidence motion

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