Tech Layoffs: टेक कंपनियां क्यों ले ऑफ कर रही हैं, क्या आने वाला है रिसेशन ?

Updated : Feb 01, 2023 14:41
|
Editorji News Desk

बीता साल कई इंडस्ट्रीज के लिए चल्लेंजिंग रहा है, लेकिन इनमे से भी टेक्नोलॉजी सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. Layoffs.fyi के अनुसार, 2022 में कुल 1.5 लाख से अधिक टेक्नोलॉजी कंपनी में काम कर रहे एम्प्लाइज को नौकरी से हाथ धोना पड़ा, और लगातार आ रही ले ऑफ की ख़बरों से ऐसा लगता है कि यह 2023 में भी जारी रहेगा.

किसी भी बड़ी टेक कंपनी के बारे में सोचें, चाहे वह मेटा हो, गूगल या माइक्रोसॉफ्ट, सभी ने हाल के महीनों और हफ्तों में मास ले ऑफ की घोषणा की है.

आखिर एक के बाद एक बड़ी टेक कम्पनीज ऐसा क्यों कर रही है. क्या है इसके पीछे की वजह? इस वीडियो से समझने की कोशिश करते हैं...

Covid-19 के दौरान ज्यादा हायरिंग

Covid के दौरान, कई टेक्नोलॉजी कंपनियों ने ऑनलाइन एक्टिविटीज में उछाल देखा. ऐसा इस लिए था क्योंकि सभी लोग अपना काम घर से ही कर रहे थे और इसके लिए वे इंटरनेट का सहारा ले रहे थे. जवाब में, इन कंपनियों ने बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए और एम्प्लॉयीज को हायर किया. लेकिन जैसे-जैसे दुनिया सामान्य स्थिति में लौटने लगी और बिज़नेस फिर से खुलने लगे, कई कंपनियों को ये महसूस हुआ की उन्होंने जरूरत से जायदा हायरिंग कर ली है, जो लॉन्ग रन में कंपनी के लिए ठीक नहीं होगा.

ओवरस्टाफिंग इस उम्मीद के साथ की गयी थी कि वर्क फॉर होम वाला सिलसिला चलता रहेगा, लेकिन बहुत सारी कंपनियों को ये अक्षम्य (Unfeasable) लगा. (As a Result) परिणामस्वरूप, इन कंपनियों को लगने लगा कि उन्हें उतने एम्प्लाइज की आवश्यकता नहीं है जितनी उन्होंने शुरुआत में हायर कर लिए थे.

इसके अलावा, कोविड से अर्थव्यवस्था पर भी नेगेटिव प्रभाव पड़ा है. कंपनियों को अब एड रेवेन्यू में कमी देखने को मिल रही है और  साथ-साथ पॉसिबल रिसेशन का खतरा भी दिखाई दे रहा है. इसी के कारण कई टेक कम्पनीज ने खर्च में कटौती की है, जिसकी वजह से Layoff हो रहे हैं.

पोटेंशियल रिसेशन

पिछले कुछ महीनों से कई हाई प्रोफाइल और प्रभावशाली लोग जैसे कॉइनबेस के सीईओ ब्रायन आर्मस्ट्रांग, एलोन मस्क, मार्क जुकरबर्ग और जेफ बेजोस ने कई बार ये कहा है अमेरिका में  आर्थिक मंदी यानी रिसेशन आ सकता है.

इकनोमिक स्लो डाउन के समय में, कंपनियां अक्सर फंडिंग सिक्योर करने या रेवेन्यू जेनेरेटकरने के लिए संघर्ष कर सकती हैं.

बेशक, जब ले ऑफ की बात आती है, तो इसका प्रभाव  कंपनी के साइज पर काफी डिपेंड करता है. ले ऑफ, बड़ी कंपनियों के लिए यह Strategic कदम हो सकता है, जिससे शेयर होल्डर्स को खुश रखा जा सके और बॉटम लाइन को भी मेन्टेन किया जा सके.

बड़ी कंपनियों के पास अक्सर इकनोमिक स्लो डाउन के लिए रिसोर्सेज और फाइनेंसियल स्टेबिलिटी होती है, पर लॉन्ग टर्म को ध्यान में रखते हुए ले ऑफ को जरुरी कदम की तरह देखा जा सकता है.

वहीं दूसरी ओर, छोटे स्टार्टअप या उभरती हुई कंपनियों को फंडामेंटल चैलेंजेस  का सामना करना पड़ सकता है. इन कंपनियों के पास बड़ी कंपनियों कि तरह फाइनेंसियल कुशन नहीं होता है. और ले ऑफ इनके ऑपरेशन्स और ओवरआल सर्वाइवल को भी प्रभावित कर सकता है. 

संक्रामक (Contagious) 

ये सबसे दिलचस्प कारण है. स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस प्रोफेसर जेफरी फेफर बताते हैं कि इंडस्ट्री ले ऑफ अक्सर Contagious होते है. ये अक्सर एविडेंस बेस्ड नहीं होते. इसका मतलब यह है कि कंपनियां अक्सर दूसरों की नकल करती हैं.

इसलिए, यदि किसी क्षेत्र की कुछ प्रमुख कंपनियां बड़े पैमाने पर ले ऑफ की घोषणा करती हैं, तो ट्रेंड  फैलने की संभावना होती है. और ऐसा ही हम अभी टेक्नोलॉजी सेक्टर  में देख रहे हैं.

फेफर अपनी बात को समझाने के लिए 2001 का एक उदाहरण देते हैं.   वो कहते हैं कि अमेरिका में 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद, साउथवेस्ट एयरलाइंस को छोड़कर हर एयरलाइन ने ले ऑफ शुरू कर दिया था. जिसके चलते साउथवेस्ट एयरलाइंस ने ले ऑफ न करके अपना मार्किट शेयर बढ़ा लिया था.

भले ही इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर चल रहे ले ऑफ के लिए बहुत से कारण हैं  लेकिन करंट सेनारिओ को देखते हुए- कोविड में ज्यादा हायरिंग, पोटेंशियल रिसेशन और कंपनियों की नक़ल करने की आदत इसके बड़े कारण हो सकते हैं.

इकनॉमिस्ट का अनुमान है कि 2023 में एक मॉडेस्ट स्लोडाउन और स्लो ग्रोथ देखने को मिल सकती है. इसका परिणाम यह हो सकता है कि कंपनियां हायरिंग को  कम कर दें. इसलिए, अगर 2022 इस मामले में खराब था, ऐसे में नए साल का आउटलुक भी पॉजिटिव नहीं लग रहा.

Tech LayoffsLAYOFFLayoffsRecession

Recommended For You

editorji | टेक ऑटो न्यूज़

Samsung Galaxy Z Flip 6: बजट में फिट होगा या नहीं? लॉन्च से पहले लीक हुई कीमत

editorji | टेक ऑटो न्यूज़

तैयार हो जाइए! OnePlus ला रहा है 100W चार्जिंग और 16GB रैम वाला शानदार फोन

editorji | टेक ऑटो न्यूज़

Moto E14: कम कीमत में दमदार स्मार्टफोन, शानदार प्रोसेसर और डॉल्बी साउंड से लैस

editorji | टेक ऑटो न्यूज़

Google का Pixel फोन अब आपकी पहुंच में! 8GB रैम और AI फीचर्स के साथ, यह फोन है ₹20,000 से भी कम में

editorji | टेक ऑटो न्यूज़

Infinix Zero Flip: फ्लिप स्मार्टफोन का खुलासा, स्पेसिफिकेशन और डिजाइन सामने आए!