हैदराबाद में एक कंपनी के CEO के साथ कुछ ऐसा हुआ कि आपको सुनकर भरोसा नहीं होगा. CEO को एक बार मोबाइल चार्ज (Mobile Charge) करने की कीमत 16 लाख रुपये चुकाने पड़ी. दरअसल, कंपनी के CEO पब्लिक प्लेस पर USB पोर्ट (USB port charge at public place) के जरिए अपना मोबाइल चार्ज कर रहे थे. इस दौरान हैकर्स ने उनके बैंक अकाउंट से 16 लाख रुपए निकाल लिए. जिसके बाद हैरान परेशान पीड़ित CEO ने पूरे मामले की शिकायत साइबर सेल (Complaint in Cyber Cell) में की है.
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मोबाइल हैक हुआ कैसे ?
दरअसल इस तरह के फ्रॉड को 'जूस जैकिंग' (juice jacking) कहते हैं. यह एक तरह का साइबर अटैक होता है. इसे हैकर्स पब्लिक प्लेस (hackers in public places) जैसे- एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या मॉल में इस्तेमाल होने वाले USB चार्जिंग पोर्ट के जरिए अंजाम देते हैं. USB चार्जिंग पोर्ट की मदद से हैकर्स मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट या दूसरे डिवाइस में मालवेयर (malware) इन्स्टॉल करके पर्सनल डेटा चुरा लेते हैं. जिसके बाद चोरी को अंजाम दिया जाता है.
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चोरी से बचने के लिए क्या करें ?
समझदारी इसी में है कि पब्लिक प्लेस पर USB चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल ना करें. घर से बाहर अपने गैजेट को चार्ज करने के लिए AC पावर सॉकेट का ही इस्तेमाल करें. जिस मोबाइल में पर्सनल डिटेल रख रहे हैं, उसे पब्लिक प्लेस में चार्ज करने से बचें.