केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने शुक्रवार को एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि वर्ष 2022-23 में 50 सरकारी वेबसाइटों को हैक किया गया है.
सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा उठाए गए एक संसदीय प्रश्न के जवाब में, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) को दी गई और ट्रैक की गई जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के मंत्रालयों की वर्ष 2020 में 59, 2021 में 42 और 2022 में 50 वेबसाइट को हैक किया गया था.
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उन्होंने राज्यसभा को बताया, "सर्ट-इन ने आगे सूचित किया है कि उसने 2020, 2021 और 2022 के दौरान क्रमशः 2,83,581, 4,32,057, 3,24,620 दुर्भावनापूर्ण घोटालों का पता लगाया और रोका है."
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने आगे कहा कि सीईआरटी-इन द्वारा रिपोर्ट की गई और ट्रैक की गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020, 2021 और 2022 के दौरान क्रमशः सरकारी संगठनों से संबंधित कुल 6, 7 और 8 डेटा ब्रीच की घटनाएं देखी गईं.
अश्विनी वैष्णव ने बताया "समय-समय पर भारतीय साइबर स्पेस पर देश के बाहर और भीतर साइबर हमले शुरू करने के प्रयास किए गए हैं . यह देखा गया है कि इस तरह के हमलों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में स्थित कंप्यूटर सिस्टम से समझौता किया है और नकली तकनीकों और छिपे हुए सर्वरों का उपयोग किया है. वास्तविक सिस्टम की पहचान छुपाएं जिससे हमले शुरू किए जाते हैं"
केंद्रीय आईटी मंत्री ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को आगे बताया कि सीईआरटी-इन प्रभावित संगठनों, सेवा प्रदाताओं, संबंधित क्षेत्र के नियामकों के साथ-साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ घटना प्रतिक्रिया उपायों का समन्वय करता है.
सीईआरटी-इन प्रभावित संगठनों को की जाने वाली उपचारात्मक कार्रवाइयों के साथ-साथ साइबर घटनाओं के बारे में सूचित करता है.