मेलबर्न का खचाखच भरा हुआ मैदान और टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ साख पर लगी इज्जत. मैच देखे होंगे आपके, रोमांच मुकाबले भी देखे होंगे आपने, पर यकीन मानिए क्रिकेट का ऐसा खेल और विराट कोहली के बल्ले से निकली ऐसी पारी शायद आपने ना देखी होगी और ना शायद कभी देख पाएंगे.
राहुल के आउट होने के बाद कोहली जब बल्ला थामकर क्रीज पर उतरे, तो टीम इंडिया मुश्किल में थी. राहुल के साथ-साथ रोहित और सूर्यकुमार यादव भी पवेलियन लौट चुके थे. काम विराट था और समय कम था, लेकिन कोहली ने एकबार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें इस खेल का किंग कहा जाता है.
विराट ने हार्दिक के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 113 रनों की पार्टनरशिप जमाई. पहले कोहली ने लड़खड़ाती हुई पारी को संभाला और 43 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया. लेकिन, काम यहां पूरा नहीं हुआ या यूं कहिए कि इस महामुकाबले की असली कहानी ही यहीं से शुरू हुई. आखिरी तीन ओवरों में टीम इंडिया को 48 रनों की दरकार थी. क्रीज पर कोहली का साथ हार्दिक दे रहे थे, लेकिन गेंद पांड्या के बल्ले पर नहीं आ रही थी और जरूरी रनरेट आसामान छूते जा रहा था.
यहीं से असली खेल का आगाज हुआ और कोहली ने धारण किया अपना विराट अवतार. शाहीन शाह अफरीदी के ओवर में कोहली ने 17 रन कूटे. इसके बाद अगले ओवर में हैरिस रऊफ ने पहली चार गेंदों में सिर्फ तीन रन खर्च किए. यह वो पल था जब लगा कि जीत भारत के हाथ से फिसल रही है और अब तो किसी चमत्कार ही जरूरत है. जिस चमत्कार की दुआ 140 करोड़ों भारतीय फैन्स कर रहे थे, वो विराट ने अगले दो गेंदों में ही करके दिखा दिया. कोहली ने रऊफ पर लगातार दो छक्के जड़ दिए.
अब आखिरी ओवर में 16 रनों की दरकार थी और पहली ही बॉल पर हार्दिक आउट हो गए. फिर अगली दो गेंदों पर सिर्फ तीन रन आए. तीन गेंद बची थी और जीत के लिए दरकार थी 13 रनों की. पर कहते हैं कि किस्मत भी बहादुरी लोगों का साथ देती है. कोहली ने अगली बॉल पर सिक्स लगाया और वो बॉल भी नो बॉल हो गई. यहीं से टीम इंडिया की जीत पर मुहर लग गई, जिसको अंजाम तक अश्विन ने आखिरी गेंद पर एक रन लेकर पहुंचाया. विराट के बल्ले से निकली यह वो पारी है, जिसको शायद सालों-साल तक याद किया जाएगा और कोहली ने एक बार फिर विश्व क्रिकेट को बता दिया है कि 22 गज का किंग लौट आया है.