T20 World Cup 2022 : T20 विश्व कप आते हैं और चले जाते हैं, हर साल अलग-अलग देश चैंपियन का ताज पहनते हैं, लेकिन भारत के अलावा किसी और के पास उद्घाटन संस्करण का चैंपियन कहलाने का सौभाग्य नहीं है. उसी साल 50 ओवर के विश्व कप में मिली निराशा के बाद, T20 विश्व कप न केवल देश के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा. आइए उस ऐतिहासिक टूर्नामेंट में भारत के सफर पर एक नजर डालते हैं.
कप्तान के रूप में अपनी नई भूमिका में एक युवा ब्रिगेड का नेतृत्व करते हुए, एमएस धोनी का सामना पहले ही मैच में कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ था. स्कॉटलैंड के खिलाफ पिछला मैच रद्द हो जाने के बाद, यह मैच उनके लिए करो या मरो मुकाबला था और यह एक क्लासिक मैच साबित हुआ. खेल एक टाई पर समाप्त हुआ, इससे पहले कि भारत ने पाकिस्तान को एक बॉल आउट में पस्त कर दिया.
इसके बाद भारत की भिड़ंत न्यूजीलैंड था और एक बढ़िया टक्कर के बावजूद, भारत 191 रनों का पीछा करते हुए 10 रन से चूक गया. इस मैच में सहवाग और गंभीर ने पावरप्ले के ओवरों में 76 रनों की साझेदारी की. लेकिन डेनियल विटोरी की ब्रिलियंट परफॉरमेंस ने कीवी टीम को जीत दर्ज करने में मदद की.
इसके बाद भारत बनाम इंग्लैंड का एतिहासिक मैच आया जो हमेशा केवल 1 खिलाड़ी युवराज सिंह के लिए याद किया जाएगा. युवी ने स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ओवर में 6 छक्के लगाने का कारनामा तो किया ही इसके साथ ही 12 गेंदों पर अर्धशतक जड़ा. यह अभी भी T20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे तेज अर्धशतक है. भारत ने इस मैच में 18 रनों से जीत दर्ज की.
मेन इन ब्लू अगले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थे और दोनों टीमों के पास सेमीफाइनल में जगह बनाने का मौका था. भारत को 153/5 के स्कोर का बचाव करना था, जबकि मेजबान टीम को सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के लिए सिर्फ 126 रन का आंकड़ा पार करना था. हालांकि, भारत ने न केवल खेल जीता, बल्कि आरपी सिंह के किफायती 4 विकेट की बदौलत भारत ने मेजबान टीम को 116/9 के स्कोर पर आउट कर दिया.
संघर्ष करके अंतिम 4 तक पहुंची टीम इंडिया का सामना अब ऑस्ट्रेलियाई टीम से था, लेकिन यह युवराज सिंह ही थे जिन्होंने एक बार फिर 30 गेंदों में 70 रनों की पारी खेली और भारत को 188/5 के स्कोर तक पहुंचाया. ऑस्ट्रेलिया जवाब में 173/7 रन ही बना पाई और भारत ने शान से फाइनल में प्रवेश किया.
फाइनल में एक बार फिर भारत के सामने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान की चुनौती थी. पहले बल्लेबाजी करते हुए, भारत ने गौतम गंभीर के 75 रनों की बदौलत 157/5 पर समाप्त हुआ. पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने बीच के ओवरों में चौका लगाया लेकिन मिस्बाह-उल-हक ने हार नहीं मानी और कोशिश जारी रखी. हालांकि, रनों की जरूरत ने उन्हें बड़ा शॉट लगाने को मजबूर किया और वो एस श्रीसंत को अपना कैच दे बैठे. इस तरह भारत ने 5 रनों से एक रोमांचक जीत दर्ज की और सभी बाधाओं को पार करते हुए पहले T20 वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया.