T20 World Cup 2022, IND vs ENG : कहते हैं कि बड़ा खिलाड़ी वो होता है, जो बड़े मैच में प्रदर्शन करके दिखाता है और टीम की नैया को अकेले दम पर पार लगाने का माद्दा रखता है. टीम इंडिया के सलामी जोड़ी केएल राहुल और रोहित शर्मा को लेकर भी ऐसे ही कुछ तमाम तरह के बयान दिए गए थे.
राहुल की फॉर्म पर तो पहले से ही सवालिया निशान थे, लेकिन इसके बावजूद उनको टी-20 वर्ल्ड कप की टीम में चुन लिया गया. हाल जो हुआ वो हर किसी ने पूरे टूर्नामेंट में देखा. दूसरी ओर, पहले कोहली और फिर राहुल की आड़ में छुपते रहे कप्तान रोहित शर्मा की पोल भी इस मेगा इवेंट में खुलकर सामने आई.
सेमीफाइनल जैसे बड़े मुकाबले में राहुल 5 रन बनाकर पवेलियन की ओर चल पड़े, तो कप्तान साहब के खाते में 28 गेंदों तक संघर्ष करने के बाद 27 रन आए. राहुल ने टूर्नामेंट में दो फिफ्टी तो जड़ी, पर वह बांग्लादेश और जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ आई. यानी बड़ी टीमों के खिलाफ राहुल एकदम फुस्स साबित होते हैं. टी-20 वर्ल्ड कप में आईसीसी रैंकिंग की टॉप आठ टीमों के खिलाफ राहुल ने पांच पारियां खेली हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 7.8 के मामूली औसत से 39 रन निकले हैं और स्ट्राइक रेट सिर्फ 76 का रहा है.
ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हो रहे वर्ल्ड कप में राहुल से भी ज्यादा हाल बेहाल उनके जोड़ीदार और भारत के कप्तान रोहित शर्मा का रहा. छह पारियों में हिटमैन के बल्ले से कुल रन निकले 116. जिसमें वह महज एक बार ही पचास का आंकड़ा दो कैच गिरने के बाद छू सके. पिछली 12 टी-20 इंटरनेशनल पारियों में रोहित ने सिर्फ एक में ही फिफ्टी जमाई है और यह इस बात का सबूत है कि कप्तान साहब के बल्ले में कम से कम इस फॉर्मेट में जंग लग चुका है.
रोहित-राहुल ने इस मेगा इवेंट में छह मैचों में टीम इंडिया की पारी का आगाज किया और हर दफा इस जोड़ी का प्रदर्शन बद से बदतर रहा. दोनों की सर्वाधिक पार्टनरशिप 27 की रही, जो जिम्बाब्वे के खिलाफ आई. राहुल-रोहित के फ्लॉप शो के चलते मध्यक्रम के बल्लेबाज पूरे टूर्नामेंट में अधिक दबाव में नजर आए और यही कहानी सेमीफाइनल में भी दोहराई गई जिसका खामियाजा भारतीय टीम को वर्ल्ड कप से बाहर होकर भुगतना पड़ा.