एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट मिलने के लिए साथी पहलवानों के विरोध का सामना कर रहे आंदोलनकारी पहलवानों ने शनिवार को आईओए के एड हॉक पैनल से इस तरह की छूट की मांग करने से इनकार किया और कहा कि अगर यह साबित हो गया तो वे कुश्ती छोड़ देंगे.
लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने शुक्रवार को एड हॉक पैनल के फैसले पर सवाल उठाये थे कि क्या ये पहलवान इस तरह की छूट हासिल करने के लिए ही विरोध कर रहे थे. उन्होंने जूनियर पहलवानों, उनके कोचों और अभिभावकों से इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही थी.
योगेश्वर दत्त ने कुछ और भी आरोप लगाये थे और बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की तिकड़ी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स को संबोधित करते हुए पूर्व पहलवान और अब भाजपा नेता द्वारा की गयी टिप्पणियों का जवाब दिया.
साक्षी ने कहा,‘‘हमने ट्रायल्स में छूट नहीं मांगी थी, बस तैयारी के लिए समय मांगा था.’’
रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी ने कहा, ‘‘हमने किसी का भी अधिकार नहीं छीना. हमने सिर्फ समय मांगा था क्योंकि हम कुश्ती से छह महीने दूर रहे थे लेकिन आप गलत जानकारी फैला रहे हो.’’
तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने कहा, ‘‘अगर आपको एक मुकाबले के ट्रायल से परेशानी थी तो आपको खेल मंत्री के पास जाना चाहिए था. लेकिन आपने सोशल मीडिया के जरिए जहर फैलाने का फैसला किया.’’
उन्होंने साथ ही कहा,‘‘अगर यह साबित हो जाए कि हमने छूट मांगी थी तो हम कुश्ती छोड़ने को तैयार हैं. हमने छूट के लिए कभी कोई पत्र नहीं लिखा.’’
हालांकि तीनों पहलवानों में से किसी ने भी यह नहीं कहा कि वे पूर्ण ड्रा में खेलने के इच्छुक हैं और फाइनल में सीधे प्रवेश स्वीकार नहीं करेंगे.
पता चला है कि एड हॉक पैनल में शामिल किए गए दो कोच ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग ने ही छह पहलवानों के लिए ट्रायल से छूट मांगी थी.
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