भारत के दिग्गज फुटबॉलर सुनील छेत्री ने 16 मई को भारतीय फुटबॉल इतिहास में एक अद्वितीय प्रदर्शन के साथ अपने दो दशक लंबे करियर को अलविदा कह दिया है.
39 साल के छेत्री अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 06 जून को खेलेंगे, जो कि कुवैत के खिलाफ वर्ल्ड कप क्वालीफायर मुकाबला होगा. सुनील इतिहास में भारत के सबसे कैप्ड और टॉप स्कोरर खिलाड़ी के रूप में अपने करियर का समापन करेंगे.
2005 में डेब्यू करने वाले छेत्री ने देश के लिए 94 गोल किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अब तक भारतीय टीम के लिए 150 मैच खेले हैं.
वह सक्रिय खिलाड़ियों में गोल स्कोरर की सूची में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेस्सी के बाद तीसरे स्थान पर हैं और वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय गोल-स्कोरर की सर्वकालिक सूची में भी चौथे स्थान पर हैं.
छेत्री अपने 19 साल लंबे करियर में विश्व कप में हिस्सा नहीं ले सके लेकिन उन्होंने भारत को सभी टूर्नामेंटों में 11 शानदार खिताब जितवाए.
उनके साथ, ब्लू टाइगर्स को 2008 में एएफसी चैलेंज कप, नेहरू कप (2007, 2009, 2012), SAAF चैंपियनशिप (2011, 2015, 2021, 2023), इंटरकांटिनेंटल कप (2018, 2023) और ट्राई- में सफलता मिली.
शुरुआत के लिए, वो तीन अलग-अलग महाद्वीपों के क्लबों, इंडियन सुपर लीग, पुर्तगाली फुटबॉल लीग में स्पोर्टिंग सीपी (2012) और यूएसए के मेजर लीग सॉकर में कैनसस सिटी विजार्ड्स (2010) के लिए खेलने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं.
वह 61 स्ट्राइक के साथ आईएसएल में दूसरे टॉप स्कोरर भी हैं. पूरे आईएसएल में, छेत्री ने बेंगलुरु एफसी और मुंबई एफसी का प्रतिनिधित्व किया है, जिससे बेंगलुरु 2016 में एएफसी कप फाइनल में पहुंचा और साथ ही आई-लीग (2014 और 2016), आईएसएल (2019), सुपर कप (2018) जैसी ट्रॉफियां भी जीतीं.