वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा नाबालिगों के पॉजिटिव डोपिंग मामलों के 10 साल की ग्लोबल स्टडी में भारत को दूसरा सबसे खराब देश बताया गया. खेल में नाबालिगों के बीच डोपिंग के व्यापक विश्लेषण और जांच 'ऑपरेशन रिफ्यूज' के निष्कर्षों पर बुधवार को वाडा द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया. इस लिस्ट में रूस पहले स्थान पर है, जबकि भारत दूसरे और चीन तीसरे नंबर पर काबिज है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर, जिन पदार्थों के कारण सबसे अधिक बार डोपिंग का उल्लंघन हुआ और प्रतिबंध लगाया गया, वे फ़्यूरोसेमाइड और मेटांडिएनोन थे. डोपिंग उल्लंघन में पाए जाने वाला सबसे कम उम्र का नाबालिग 12 साल का था. रिपोर्ट में कहा गया है, "2018 और 2023 के बीच नाबालिगों को डोपिंग व्यवहार में शामिल करने वाली 58 गोपनीय रिपोर्टें वाडा के गोपनीय रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म 'स्पीक अप' के माध्यम से प्राप्त हुईं."
वाडा के खुफिया और जांच विभाग द्वारा बनाई गई यह रिपोर्ट नाबालिगों, उनके परिवारों और डोपिंग रोधी समुदाय के सामने आने वाली भारी चुनौतियों पर प्रकाश डालती है, जब कोई बच्चा किसी प्रतिबंधित पदार्थ या विधि के लिए पॉजिटिव परीक्षण करता है.
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