भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि 2027 में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए बोली लगाने की अपनी पहले की योजना से हटते हुए राष्ट्रीय महासंघ इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के 2029 सीजन की मेजबानी के अधिकार के लिए बोली लगाने को तैयार है.
एएफआई पहले 2027 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी के अधिकार के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहा था, लेकिन अब पता चला है कि उसने योजना छोड़ दी है और इसके बजाय वह 2029 सीजन की मेजबानी करना चाहता है.
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एएफआई की वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज ने एएफआई की वार्षिक आम सभा की बैठक (एजीएम) में कहा, 'हां, हम 2029 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए बोली लगाने में रुचि रखते हैं.'
लंबी कूद की इस पूर्व महान खिलाड़ी ने कहा, 'भारत ने 2036 ओलंपिक और 2030 युवा ओलंपिक की मेजबानी में रुचि व्यक्त की है. ऐसे में यह बहुत अच्छा होगा अगर हम 2029 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी कर सकें.'
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2029 की मेजबानी के लिए औपचारिक बोली की समय सीमा अभी घोषित नहीं की गई है. वर्ल्ड एथलेटिक्स ने 2027 में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए बोली लगाने की समय-सीमा को इस साल की शुरुआत में शुरू किया था. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का पिछले सीजन का आयोजन अगस्त में हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था और इसका अगला सीजन 2025 में टोक्यो में आयोजित किया जाएगा.
एएफआई ने इसके साथ ही 2036 तक एक रणनीतिक योजना तैयार करने का निर्णय लिया है. इसमें 2036 ओलंपिक में एथलेटिक्स से देश के लिए पांच से छह मेडल का लक्ष्य रखा गया है. भारत पहले ही 2036 ओलंपिक के लिए बोली लगाने में रुचि व्यक्त कर चुका है.
एएफआई योजना आयोग के अध्यक्ष ललित भनोट ने एजीएम के दौरान कहा, 'हम बेहतरीन प्रदर्शन हासिल करना चाहते हैं, वर्ल्ड विजेता पैदा करना चाहते हैं और 2036 ओलंपिक में पांच से छह मेडल जीतना चाहते हैं.' भनोट को रणनीतिक योजना तैयार करने का प्रभार दिया गया है.