भारतीय वेटलिफ्टर बिंदयारानी देवी ने खराब शुरुआत से उबरते हुए शनिवार को एशियाई वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में महिलाओं के 55 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीता. राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता बिंदयारानी ने कुल 194 किग्रा (83 किग्रा + 111 किग्रा) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया.
55 किग्रा भार वर्ग हालांकि ओलंपिक में शामिल नहीं है. बिंदयारानी ने पीटीआई से कहा, 'मैं आज के अपने प्रदर्शन से खुश हूं. ट्रायल्स से पहले मेरे बाएं घुटने में चोट लग गई थी. यह चोट ठीक होने के बाद मेरा दाहिना घुटना दर्द करने लग गया जिससे मेरी तैयारियां प्रभावित हुई और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई. ईश्वर की कृपा से आज मेरे शरीर ने पूरा साथ दिया.'
बिंदयारानी ने क्लीन एवं जर्क में भी रजत पदक जीता. मणिपुर की यह खिलाड़ी स्नैच और क्लीन एवं जर्क में एक-एक बार भार उठाने में नाकाम रहीं. हालांकि वह यदि इन दोनों प्रयासों में सफल भी रहती तब भी स्वर्ण पदक नहीं जीत पाती. चीनी ताइपे की चेन गुआन लिंग ने 204 किग्रा (90 किग्रा + 114 किग्रा) के प्रयास के साथ गोल्ड मेडल जीता, जबकि वियतनाम की वो थी क्विन न्हु 192 किग्रा (88 किग्रा + 104 किग्रा) ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.
ओलंपिक में शामिल नहीं होने के कारण 55 किग्रा में भाग लेने वाले शीर्ष खिलाड़ी इससे कम या अधिक भार वर्ग में हिस्सा ले रहे हैं. बिंदयारानी ने स्नैच में पहले दो प्रयासों में 80 किग्रा और 83 किग्रा भार उठाया. इसके बाद उन्होंने 85 किग्रा भार उठाने का प्रयास किया लेकिन उसमें वह असफल रही। स्नैच में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 86 किग्रा है. बिंदयारानी स्नैच स्पर्धा के बाद चौथे स्थान पर चल रही थीं लेकिन उन्होंने क्लीन एवं जर्क में दूसरा सर्वाधिक भार उठाकर अच्छी वापसी की.