बेल्जियम के हॉकी खिलाड़ी इलियट वैन स्ट्रायडॉंक ने एक इंटरव्यू में एक विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह "पैसे की ताकत" है जिसकी वजह से भारत अपने देश में लगातार हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है.
34 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने इंटरव्यू में अपनी निराशा जाहिर की और कहा कि भारत को मेजबानी के अधिकार देने का निर्णय खेल की निष्पक्षता के लिए अनुचित था और इसे केवल वित्तीय शर्तों पर ही उचित ठहराया जा सकता है.
"पैसे की ताकत. बेल्जियम के लोग भारत और उसके दायित्वों को अच्छी तरह से जानते हैं. उन्हें पानी और भोजन से सावधान रहना चाहिए. उनकी अपनी दिनचर्या है. यह खेदजनक है कि भारत अभी भी इस तरह के आयोजन की मेजबानी करता है. लेकिन भारत एकमात्र ऐसा देश है जो स्टेडियमों को भर सकता है. हर दिन 20,000 सीटें. माहौल की गारंटी है. इसके अलावा, यह एकमात्र देश है जो हीरो या ओडिशा जैसे वैश्विक प्रायोजकों को ला सकता है. चुनाव आर्थिक रूप से समझ में आता है, लेकिन खेल निष्पक्षता के लिए अनुचित है. रेड लायंस ने 4 साल में काफी कुछ जीत लिया है हालांकि, हॉकी का मीडिया कवरेज यहां बेल्जियम में बहुत सीमित है."