लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ बिना आउट हुए पवेलियन लौटने के रविचंद्रन अश्विन के फैसले पर बवाल मच गया है. अश्विन ने यह कदम क्यों उठाया? क्या वह चोटिल हुए थे? कमेंटेटर्स ने बाद में बताया कि अश्विन ने टीम के हित में सोचते हुए रिटायर्ड आउट होकर पवेलियन लौटने का फैसला किया.
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अश्विन ने जब यह कदम उठाया तो वह 23 गेंदों में 28 रन बनाकर बैटिंग कर रहे थे और राजस्थान की पारी के अंतिम कुछ ओवर्स बचे हुए थे. 121 का स्ट्राइक रेट भले ही राजस्थान की टीम को 67 पर चार से बाहर निकालने के लिए सही था, पर राजस्थान की टीम को यह स्ट्राइक रेट शायद लास्ट के ओवर्स के लिए ठीक नहीं लगा. सोशल मीडिया पर कई फैन्स ने इस फैसले को खेल भावना के खिलाफ बताया, तो कुछ फैन्स ने इस बात को समझा कि अश्विन ने टीम की जरूरत को देखते हुए यह फैसला किया.
राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट ऑफ डायरेक्टर कुमार संगाकारा ने अश्विन को रिटायर्ड आउट करने के फैसले को एकदम सही करार दिया. उन्होंने कहा कि यह कदम उठाने के लिए अश्विन मैदान से पूछ रहे थे. संगाकारा ने कहा कि बतौर कोच उन्होंने रेसी वेन डर डुसेन को रियान पराग से ऊपर ना भेजकर गलत फैसला किया. उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा करते तो शायद रियान की काबिलियत का वह पूरी तरह से इस्तेमाल कर पाते.
अश्विन के साथ बल्लेबाजी कर रहे शिमरॉन हेटमायर को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन नियमों के अनुसार यह संभव है. नियम के मुताबिक एक बल्लेबाज को रिटायर्ड आउट करार दिया जाता है, जब वह अंपायर के बिना परमिशन के पवेलियन लौट जाए और उसको विपक्षी टीम के कप्तान द्वारा पारी दोबारा शुरू करने की परमिशन ना मिले.
टी-20 में यह चौथा मौका है जब कोई बल्लेबाज रिटायर्ड आउट हुआ है. वहीं, आईपीएल के इतिहास में यह कदम उठाने वाले अश्विन पहले बल्लेबाज हैं.
लखनऊ के खिलाफ राजस्थान को 3 रनों से जीत मिली और इस अंतर को देखते हुए कहा जा सकता है कि अश्विन का यह फैसला राजस्थान के एकदम हित में रहा, जिसके दम पर टीम महत्वपूर्ण दो प्वॉइंट्स कमाने में सफल रही.