अपनी बेबाक राय और स्टाइल के लिए जाने जाने वाले रवि शास्त्री ने कभी भी बातें घुमाने की कोशिश नहीं की. ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के साथ एक इंटरव्यू में, शास्त्री ने खुलासा किया कि कैसे उनके विरोधियों ने उन्हें करियर में नीचे गिराने की कोशिश की और टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में उनके फेल होने का इंतजार किया.
जब शास्त्री से हाल ही में रॉब की को क्रिकेट निदेशक के रूप में नियुक्त होने पर सलाह देने को कहा गया, तो पूर्व कोच ने उन्हें मोटी चमड़ी रखने का सुझाव दिया. अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए, शास्त्री ने कहा कि भारत जैसे देश में हमेशा ऐसे लोगों का एक समूह होता है जो आपको असफल साबित करने की पूरी कोशिश करता है. उन्होंने आगे कहा, "मेरी चमड़ी मोटी थी, ड्यूक्स बॉल के चमड़े से भी मोटी."
शास्त्री 2014 से 2021 तक अपने 6 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया के सबसे सफल मुख्य कोचों में से एक रहे हैं. बीच में कुछ समय के लिए अनिल कुंबले ने उनको रिप्लेस किया था, लेकिन एक साल के भीतर ही रवि शास्त्री को दोबारा कोच बना दिया गया.
मुखर व्यक्तित्व वाले रवि शास्त्री ने बताया कि उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए टीम को तेज और क्रूर बनने को कहा. ऑस्ट्रेलियाई टीम को कैसे संभालना है, इस बारे में टीम को सिखाते हुए, शास्त्री ने खिलाड़ियों से आक्रामक बनने की अपील की. उन्होंने कहा, "यदि कोई एक गाली देता है, तो उन्हें तीन गालियां वापस करें, दो हमारी भाषा में और एक उनकी भाषा में."