19 अक्टूबर को पुणे में भारत-बांग्लादेश मैच के दौरान अपने विवादास्पद फैसले के लिए अंपायर रिचर्ड केटलबोरो की जमकर आलोचना हो रही है. 42वें ओवर में बांग्लादेश के गेंदबाज नसुम अहमद की पहली गेंद लेग साइड से गुजरी लेकिन केटलबोरो ने वाइड का सिग्नल नहीं दिया.
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ऐसा तब हुआ जब भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली क्रीज पर थे और वह अपने शतक से तीन रन दूर थे. इस समय टीम को जीत के लिए दो रनों की जरूरत थी. जैसे ही कैमरा केटलबोरो की ओर गया, उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई, जबकि भारत के ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ी हंसते नजर आए.
अंपायर के इस फैसले के बाद फैन्स उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं. खेल पत्रकार पीटर डेला पेन्ना ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, 'यह अखंडता के मुद्दों को उठाता है जब एक अंपायर कोहली को अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड में मदद करने के लिए स्पष्ट रूप से वाइड बॉल को वाइड करार नहीं देता.'
इस बीच एक अन्य क्रिकेट फैन्स ने केटलबोरो के कदम को शर्मनाक बताया और कहा कि वर्ल्ड कप के एक अहम मैच में अंपायर ने वाइड बॉल को वाइड नहीं दिया.
एक अन्य फैन्स ने आश्चर्य जताया कि क्या यह वर्ल्ड कप मैच था या गली क्रिकेट. उन्होंने कहा, 'यहां क्या हो रहा है. विराट कोहली अपने पर्सनल रिकॉर्ड के लिए खेल रहे हैं और रिचर्ड केटलबोरो वाइड गेंद नहीं देते हैं जो वास्तव में एक वाइड गेंद थी.'