ऑस्ट्रेलिया की धरती पर होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चुका है. सिलेक्टर्स ने मुख्य खिलाड़ियों पर ही अपना भरोसा दिखाया है और किसी भी नए चेहरे पर दांव नहीं खेला है. गेंदबाजी अटैक में जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल की वापसी हुई है, लेकिन मोहम्मद शमी को टीम में शामिल नहीं किए जाने के फैसले ने हर किसी को चौंकाया है.
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शमी को स्टैंड बाय प्लेयर के तौर पर टीम में रखा गया है. ऑस्ट्रेलिया की बाउंस भरी पिचों पर शमी काफी खतरनाक साबित हो सकते थे और यही वजह है कि कई पूर्व खिलाड़ी उनके मुख्य टीम में ना होने से नाखुश भी हैं. आइए आपको बताते हैं किन तीन कारणों के चलते वर्ल्ड कप टीम में होना चाहिए था शमी का नाम..
मोहम्मद शमी के पास रफ्तार की कोई कमी नहीं है और वह नई और पुरानी गेंद दोनों को हिलाने में भी माहिर हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की बाउंस भरी पिचों पर शमी कहर बरपा सकते थे. शमी ने वनडे और टी-20 फॉर्मेट को मिलाकर कंगारू सरजमीं पर कुल 15 मैच खेले हैं और इस दौरान भारतीय तेज गेंदबाज ने 22 विकेट अपने नाम किए हैं.
आईपीएल 2022 मोहम्मद शमी का गेंद से लाजवाब रहा था. शमी ने 16 मैचों में कुल 20 विकेट निकाले थे और गुजरात टाइटंस को पहली बार चैंपियन बनाने में अहम किरदार निभाया था. शमी के आगे टूर्नामेंट में विश्व के कई दिग्गज बल्लेबाज पानी मांगते नजर आए थे. ऐसे में टी-20 में इस फॉर्म और रिकॉर्ड को देखते हुए फास्ट बॉलर का नाम टीम में ना होना यकीनन चौंकाने वाला है.
अनुभवी गेंदबाज के तौर पर वर्ल्ड कप की टीम में जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार का नाम ही मौजूद है. बुमराह अभी इंजरी से लौट रहे हैं, तो भुवी का एशिया कप में क्या हाल हुआ यह सबने देखा. ऐसे में शमी का अनुभव भारतीय टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया की धरती पर काफी काम आ सकता था. खास बात यह है कि शमी डेथ ओवरों में काफी उपयोगी भी साबित होते हैं और हाल फिलहाल में आखिरी के ओवरों में ही टीम इंडिया के लिए रनों पर लगाम लगाने बड़ा चैलेंज भी रहा है.