वेस्टइंडीज का 3-0 से सूपड़ा साफ करने के साथ ही रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम नई राह पर निकल पड़ी है. टी-20 में चेज करते हुए जीतने के टैग को अब हिटमैन ने बदलने की ठानी है.
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रोहित के कप्तानी संभालने से पहले कोहली की अगुवाई में टीम का एक ही मोटो होता था कि टॉस जीतो और पहले गेंदबाजी करो. लेकिन, रोहित की सोच अलग है और वह पहले बैटिंग करते हुए बड़ा टोटल खड़ा करके बॉलर्स को टारगेट डिफेंड करने का हुनर सीखा रहे हैं.
हालांकि, चेज मास्टर का टैग भारतीय टीम एकदम फिट बैठता है. जनवरी 2015 से टीम ने 47 टी-20 मैचों में रनों का पीछा किया है, जिसमें से महज 9 में ही टीम को हार झेलनी पड़ी है और 36 में जीत हाथ लगी है.
इस समय के दौरान टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 55 टी-20 मैचों में से 32 में जीत हासिल की है, जिसमें से आखिरी तीन जीत रोहित की कप्तानी में आई है. तीसरे टी-20 में मिली जीत के साथ रोहित ने साफ कर दिया है कि एक टीम के तौर पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह पहले बैटिंग करते हैं या चेज. हिटमैन के अनुसार दोनों ही डिपार्टमेंट में अपने-अपने चैलेंज हैं. उन्होंने कहा कि जो टीम चेज किया करती थी, उस स्क्वॉड के कई प्लेयर्स अब टीम का हिस्सा नहीं हैं.
गौरतलब है कि टी-20 वर्ल्ड कप के अपने पहले दो मैचों में भारत पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ टारगेट को डिफेंड करने में असफल रहा था. जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा था.
साफ है रोहित शर्मा के दिमाग में चल रहा यह मास्टर स्ट्रोक दूर की सोच को लेकर है, क्योंकि रोहित अपनी अगुवाई में पिछली बार हुई गलती को आने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में बिलकुल भी दोहराने के मूड में नहीं हैं.