इस साल होने वाले वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया पूरी तरह तैयारियों में जुटी है. ऐसे में पूर्व कप्तान विराट कोहली ने खुलासा किया है कि उनके इंटरनेशनल डेब्यू के 15 साल बाद भी वह चुनौतियों का लुत्फ उठाते हैं. वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में अक्टूबर-नवंबर में किया जाएगा और कोहली ने कहा कि वह घर में वर्ल्ड कप में खेलने की चुनौती के लिए कमर कस रहे हैं.
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कोहली ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'आपके सामने कोई भी चुनौती हो, आपको उसे लेकर उत्सुक रहना चाहिए. जब कठिनाई सामने आती है तो आप उत्साहित हो जाते हैं. आप इससे कतराते नहीं हैं. 15 साल के बाद भी मुझे मुकाबले पसंद हैं और वर्ल्ड कप 2023 उनमें से एक चुनौती है. यह मुझे उत्साहित करता है, मुझे कुछ नया चाहिए जो मुझे अगले लेवल पर ले जाए.'
कोहली ने इस बात से इनकार नहीं किया कि उन पर और टीम पर उम्मीदों का दबाव है. लेकिन कोहली ने सभी को याद दिलाया कि वर्ल्ड कप को खिलाड़ियों से ज्यादा कोई नहीं जीतना चाहता.
उन्होंने कहा, 'दबाव हमेशा रहता है. फैन्स हमेशा कहते हैं कि हम चाहते हैं कि टीम वर्ल्ड कप जीते. मैं कहूंगा कि वे मुझसे अधिक नहीं चाहते. ईमानदारी से कहूं तो मुझे पता है कि उम्मीदें और लोगों की भावनाएं हैं. लेकिन कृपया जान लें कि खिलाड़ियों से ज्यादा कोई भी जीतना नहीं चाहता.' कोहली को पता है कि वर्ल्ड कप जीतने के लिए क्या करना होता है. उनकी अगुवाई में भारत ने 2008 में आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता और वह 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में घर में 50 ओवर का वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.
उन्होंने कहा, 'मेरे करियर का मुख्य आकर्षण स्पष्ट रूप से 2011 में वर्ल्ड कप जीतना है. मैं उस समय 23 साल का था और शायद मुझे इसका महत्व समझ में नहीं आया. लेकिन अब 34 साल की उम्र में कई और वर्ल्ड कप खेलने के बाद, जिन्हें हम जीत नहीं पाए हैं, इसलिए मैं सभी सीनियर खिलाड़ियों (2011 में) की भावनाओं को समझता हूं.' कोहली ने कहा, 'सचिन तेंदुलकर के लिए और भी अधिक क्योंकि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप था. वह तब तक कई वर्ल्ड कप खेल चुके थे और अपने गृहनगर मुंबई में इसे जीतना उनके लिए बहुत खास था. मेरा मतलब है, यह सपना सच होने की तरह था.'