IND vs ENG: 'तुम यहां क्यों आए', आर अश्विन ने किया ICU में मां के साथ बातचीत का खुलासा

Updated : Mar 06, 2024 17:24
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PTI

चेन्नई के एक अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में लेटी चित्रा रविचंद्रन बार-बार बेहोश हो रही थीं, लेकिन जब उन्होंने बेटे रविचंद्रन अश्विन को अपने बिस्तर के पास देखा तो उनके मन में बस एक ही सवाल था, 'तुम यहां क्यों आए?' अनिल कुंबले के बाद 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बनने के कुछ घंटों बाद, मां के बीमार होने होने पर अश्विन राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे मैच के बीच में चेन्नई अपने घर वापस चले गए. अश्विन की मां अचेत हो गई थीं और उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था.

अश्विन ने अपने 100वें टेस्ट की पूर्व संध्या पर 'ईएसपीएन क्रिकइन्फो' से कहा, 'जब मैं अस्पताल पहुंचा, तो मेरी मां लगातार होश में आने के बाद बेहोश हो जा रही थी. मुझे वहां देखने के बाद उन्होंने पहली चीज मुझसे पूछी, 'तुम क्यों आए'? अगली बार जब वह होश में आईं तो उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि तुम्हें वापस जाना चाहिए क्योंकि टेस्ट मैच चल रहा है.'

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इस ऑफ स्पिनर ने अपने माता-पिता रविचंद्रन और चित्रा के त्याग को भावनात्मक रूप से याद करते हुए कहा कि दोनों ने उन्हें क्रिकेटर बनाने के लिए कई कुर्बानियां दी हैं. इस 37 साल के गेंदबाज ने कहा, 'मेरा पूरा परिवार क्रिकेट और मेरे करियर को सुविधाजनक बनाने के लिए बना है. यह आसान नहीं है. यह उनके लिए बहुत कठिन रहा है. यह उनके लिए भावनात्मक तौर पर काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है.' अश्विन ने कहा, 'मैं अब 35 साल से अधिक का हूं और मेरे पिता अब भी ऐसे मैच देखते हैं जैसे यह मेरा पहला इंटरनेशनल मैच हो. यह उनके लिए बहुत मायने रखता है. अगर मै तुलना करूं तो मेरे मैच मुझ से ज्यादा उनके लिए मायने रखते हैं.'

अश्विन के पिता क्रिकेट के बड़े फैन हैं. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह टीएनसीए के फर्स्ट क्लास लीग मैचों को देखने के लिए भी मैदान पर मौजूद रहते हैं. अश्विन ने कहा, 'यह ऐसा था कि मानो वह मेरे जरिए अपना सपना पूरा कर रहे हों. कल्पना कीजिए कि कोई क्रिकेटर बनना चाहता था लेकिन नहीं बनता. उसकी शादी हो जाती है, उसका एक बेटा है और वह अपने बेटे के माध्यम से सपने को जीना चाहता है, और वह मुझे पढ़ाने से लेकर, मेरे सहपाठियों से नोट्स लेने तक, मुझे निजी ट्यूशन में ले जाने तक सब कुछ करते थे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मैं अपनी शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ अधिकतम समय क्रिकेट को दे सकूं.'

उन्होंने कहा, 'किसी अन्य गांव से आने वाली यह महिला (मां) कहती है, 'मैं आपका समर्थन करती हूं क्योंकि आप क्रिकेटर नहीं बन सके. आइए हम अपने बेटे को क्रिकेटर बनने के लिए समर्थन दें.'

R Ashwin

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