भारत के पूर्व कप्तान और चीफ सिलेक्टर रहे दिलीप वेंगसरकर ने युवाओं को टेस्ट क्रिकेट खेलने और बेहतरीन प्रदर्शन की सलाह देते हुए कहा कि ट्रेडिशनल फॉर्मेट में सफलता खिलाड़ियों को असली सम्मान दिलाती है.
वेंगसरकर ने कहा कि आजकल माता पिता टी20 लीग से होने वाले आर्थिक फायदे और शोहरत से प्रभावित हो जाते हैं लेकिन युवा खिलाड़ियों का फोकस रेड बॉल क्रिकेट पर होना चाहिए जिससे उन्हें दूसरे फॉर्मेट में भी मदद मिलेगी.
क्रिकेट कोच ज्वाला सिंह की किताब के लॉन्च के मौके पर उन्होंने कहा,‘‘ माता पिता आईपीएल, उसकी टीमों और खिलाड़ियों की सफलता से प्रभावित हो जाते हैं.’’
उन्होंने कहा कि माता पिता बच्चों को बल्लेबाज बनाना चाहते हैं लेकिन हर फॉर्मेट में गेंदबाजों का समान महत्व है.
उन्होंने कहा,‘‘गेंदबाजों की सिर्फ आईपीएल ही नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी अहम भूमिका है. वे मैच विनर हो सकते हैं. देश के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलने की कोशिश करो. अगर टेस्ट में अच्छा करोगे तो दूसरे फॉर्मेट में भी प्रदर्शन बेहतर होगा.’’
वेंगसरकर ने कहा,‘‘ टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन के आधार पर ही आकलन होगा. आईपीएल अच्छा फॉर्मेट है और इसमें मनोरंजन खूब है लेकिन टेस्ट क्रिकेट सर्वोपरि है.’’
यशस्वी जायसवाल के कोच रहे ज्वाला सिंह ने कहा, ‘‘आप कोई भी खेल चुने, उसके तीन स्तंभ होते हैं. पहला खुद खिलाड़ी, दूसरा माता पिता और तीसरा कोच. तीनों के संयुक्त प्रयास जरूरी है और यह किताब इसी के बारे में है.’’