बनाओ, तोड़ो, फिर बनाओ. जब इमारतें बनाने में यही तरीका अपनाया जाता है, तो हर बार तोड़ते समय बहुत सारा मलबा निकलता है, जो आगे किसी काम का नहीं होता. यह पर्यावरण पर बोझ बनता है. पर इस मलबे को सही जगह भेजा जाए, तो इससे फिर से बहुत सारा निर्माण किया जा सकता है.