Zero Shadow Day: बेंगलुरु में 18 अगस्त को ज़ीरो शैडो डे है. यानि इस दिन किसी भी चीज़ की परछाई नहीं बनती. हां, सूरज होगा लेकिन परछाई नहीं, लेकिन ऐसा कैसे संभव होता है चलिए जानते हैं.
ज़ीरो शैडो डे के दिन सूरज बिल्कुल सिर के ऊपर होता है, इसलिए छाया तो होती है लेकिन पैरों के नीचे होती है और दिखाई नहीं देती.
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ज़ीरो शैडो डे एक खगोलीय घटना है और ये ट्रॉपिक्स के बीच के स्थानों तक ही सीमित है. यह सिर्फ कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच में बनती है. बेंगलुरु में घटना साल में 2 बार होती है. इसी साल ये घटना 25 अप्रैल को दोपहर 12:17 बजे हुई थी.
ज़ीरो शैडो डे का मतलब होता है कि सूर्य की किरणें किसी भी वस्तु के साथ ऐसे पड़ती हैं कि उसकी कोई भी परछाई नहीं बनती. यह घटना तब होती है जब सूर्य का कोई भी वस्तु पर कोण सीधा 90 डिग्री होता है और यह वस्तु के ऊपर केंद्रित होता है.