अभी तक आपने हरे और पीले रंग के केले का स्वाद भी लिया है लेकिन लाल रंग के केले के बारे में आप कम ही जानते होंगे. जी हां लाल केले. गुजरात के वडोदरा के एक किसान इन दिनों लाल केले की खेती के लिए काफी चर्चा में हैं.
वडोदरा के करजन तहसिल के वामेर गांव के रहने वाले किसान राकेश पटेल ने लाल रंग के केले की खेती की है. लाल केले की खेती उन्होंने लैब ग्रोन टिश्यू से की है जिसमें किसी भी तरह के कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई का बताया कि वैसे तो उन्होंने इंजीनियरिंग की है लेकिन खेती उनका पुश्तैनी पेशा रहा है, इसीलिए उन्होंने खेती में कुछ अलग करने की सोची. उन्होंने दक्षिण भारत से लाल केले के टिश्यू खरीदे और अपने 40 एकड़ के खेत में एक एकड़ में प्रायोगिक तौर पर इसे बोया. उन्होंने लाल केले के 300 पेड़ बोये, जिनमें से आज 250 पेड़ लाल केले से लहलहा रहे हैं.
उनके मुताबिक, एक पेड़ से 15 से 20 किलो लाल केले निकलते हैं, यानी उन्होंने करीब 5000 किलो लाल केले उगाए हैं. बता दें कि लाल केले सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इसकी खेती दक्षिण भारत समेत विदेशों में भी खूब होती है.
लाल केले में पोटेशियम, आयरन और विटामिन अधिक होता है. इसका छिलका लाल और फल हल्का पीला होता है. इसके अलावा लाल केले में शुगर की मात्रा बेहद कम होती है और हरे और पीले केले के मुकाबले इसमें बीटा कैरोटीन अधिक पाया जाता है. बीटा-कैरोटीन धमनियों में खून का थक्का जमने नहीं देता है जिसके कारण लाल केला कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मददगार होता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. रोजाना एक लाल केला खाने से शरीर के लिए जरूरी फाइबर की सप्लाई हो जाती है.