भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर सुरेखा यादव ने अपने सपनों को साकार कर दुनियाभर की महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की है. आज वुमेन्स डे है और इस खास मौके पर चलिए जानते हैं सुरेखा यादव के बारे में, जिन्होंने अपने सपने को साकार कर देश में अपना नाम रौशन किया है.
सुरेखा यादव 57 साल की हैं. सुरेखा यादव लोको पायलट भी हैं. वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर चुकी हैं. वह सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने वाली पहली महिला बनी हैं.
सुरेखा यादव लोको पायलट होने के साथ-साथ एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर हैं. उन्होंने पहली बार 1989 में ट्रेन चलाई थी. यही नहीं, वह पिछले 34 साल से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं.
अपनी इस सफलता के बारे में सुरेखा यादव ने कहा कि वह वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के बाद बेहद खुश थीं. साथ ही, उन्होंने इस मौके के लिए देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी कहा. इसके अलावा, सुरेखा यादव ने कहा कि उन्हें उनके माता-पिता और सास-ससुर को पूरा सपोर्ट मिला. उनके पिता की शिक्षा की बदौलत ही वह आज यह मुकाम हासिल कर पाई हैं.
यह भी देखें: International Women's Day: महिलाओं की सहेली की तरह काम करती है ये योजना, देखें कैसे मिलती है सुरक्षा